पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से मंगलवार की शाम हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) के प्रमुख एवं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने मुलाकात की. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने कोई बयान नहीं दिया. मीडियाकर्मियों द्वारा मुलाकात के संबंध में पूछ जाने पर मांझी नमस्ते कर वहां से निकल गये.
वहीं, सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई जीतन राम मांझी की मुलाकात को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है. माना जा रहा है कि महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से समन्वय समिति नहीं गठित करने पर जीतन राम मांझी दबाव की राजनीति खेल रहे हैं. राजद को महागठबंधन के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी गठित करने का अल्टीमेटम देने के बाद से मांझी चर्चा में हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के पहले जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा कि समन्वय समिति में सभी दल अपनी बात रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह प्रजातंत्र है, कोई तानाशाही करना चाहेगा तो सही नहीं है. पूर्व सीएम ने कहा, राजद महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में जरूर है, लेकिन वह बड़े भाई की भूमिका निभा नहीं पा रहा है. ऐसी ही स्थिति रही तो महागठबंधन के घटक दल मार्च के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
पटना का सीडीए कार्यालय कोलकाता नहीं जायेगा
पटना का सीडीए कार्यालय कोलकाता नहीं ले जाया जायेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मिले पत्र के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने क्षेत्रीय लेखा रक्षा नियंत्रण कार्यालय कोलकाता नहीं करने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बधाई दी है. गौरतलब है कि जीतन मांझी ने पत्र लिख कर पटना में कार्यालय नहीं बंद करने का आग्रह किया था. उसी पर रक्षा मंत्री की ओर पत्र भेज कर कार्यालय नहीं भेजे जाने की जानकारी दी है.