Bihar News : बिहार में 90 के दशक में कैसे चलता था अपहरण का उद्योग? बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने बताया…

Bihar Former DGP Abhayanand news : बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने 90 के दशक में राज्य मेंं हुए अपहरण उद्योग की दास्तां बताया है. अभयानंद ने पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में 1990 के दशक में अपहरण का कुटीर उद्योग चलता था. इस काम में पूरा यंत्र लगाया जाता था. बता दें कि बिहार में अपहरण और क्राइम को देखते हुए ही हाईकोर्ट पटना ने जंगलराज की टिप्पणी की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2021 8:56 PM
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Bihar News : बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने 90 के दशक में राज्य मेंं हुए अपहरण उद्योग की दास्तां बताया है. अभयानंद ने पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में 1990 के दशक में अपहरण का कुटीर उद्योग चलता था. इस काम में पूरा यंत्र लगाया जाता था. बता दें कि बिहार में अपहरण और क्राइम को देखते हुए ही हाईकोर्ट पटना ने जंगलराज की टिप्पणी की थी.

बिहार के पूर्व डीजीपी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अपहरण की मानो बरसात हो रही थी. प्रत्येक दिन एक अपहरण हो ही जाता था. कभी किसी स्कूल टीचर का, कभी किसी छोटे व्यवसायी का, तो कभी किसी किसान का. मैं वर्ष 1992-93 के दौरान, पुलिस अधीक्षक बेतिया के रूप में पदस्थापित था. अपहरण का मानो एक उद्योग था, कुटीर उद्योग और मैं उस समस्या से जूझ रहा था.’

उन्होंने आगे लिखा कि मुझे अपराधी गिरोहों पर न केवल रेड करना पड़ता था, बल्कि उसकी संख्या भी उतनी ही रखनी पड़ती थी या उससे भी ज्यादा जितने कि अपहरण वहाँ होते थे. मानव सूत्रों का उपयोग, जो एक पुलिस पदाधिकारी के काम में साधारण सी बात होती है, वह भी मैं बहुत ही व्यवसायिक रूप से कर रहा था.

पूर्व डीजीपी ने लिखा, ‘एक दिन मेरे सूत्र ने मुझे आकर सूचित किया कि बगहा अनुमंडल के दियरा क्षेत्र में, यानी धनहा, ठकराहाँ, पिपरासी के क्षेत्र में जो अनगिनत अपहरण के गिरोह कार्यरत रहते हैं, उनलोगों में जो सबसे नामी गिरोह था, उसके यहाँ, अन्य छोटे गिरोहों की बैठक हुई. उस बैठक में जो छोटे-छोटे गिरोह थे, उन्होंने अपने सरदार से यह शिकायत की कि जो नया पुलिस अधीक्षक आया है, वह रेड की बरसात किये हुए है और हमलोगों का जीना दूभर हो गया है.

अभयानंद ने आगे कहा कि उस शिकायत में यह भी बताया गया कि वे अब रात में चैन से सो नहीं पा रहे हैं क्योंकि सूचना अथवा बिना सूचना के, दिन हो या रात, वह पुलिस अधीक्षक रेड की ही मुद्रा में रहता है। उन्हें हमेशा भय रहता है कि कहीं पुलिस बल के साथ वह वहाँ पहुँच न जाए जहाँ वे विश्राम कर रहे हैं.

डीजीपी ने गुर्गो की सरदार के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मुझे मेरे सूत्र ने बताया कि उनके सरदार ने, उन सबों की बातों को बहुत धैर्य से सुना और उसने कुछ प्रश्न किए इन छोटे-छोटे गिरोहों से. उसका पहला प्रश्न था -क्या यह पुलिस अधीक्षक रेड के दौरान आपके परिवार के साथ दुर्व्यवहार करता है?” उसे उत्तर मिला -नहीं, उसने सख़्त हिदायत दी है कि पुलिस बल को रेड के दौरान अगर अपराधी मिले, तो उसे पकड़ा जाएगा अन्यथा परिवार के सदस्यों के साथ कोई भी दुर्व्यवहार नहीं होगा. कोशिश रहेगी कि घर के अंदर जो औरतें हैं, उनके साथ बिलकुल ही सभ्य भाषा में बात होगी और उनके साथ कोई छेड़ -छाड़ नहीं किया जाएगा, महिला पुलिस पदाधिकारी साथ में हो, तो भी.

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Posted By : Avinish kumar mishra

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