बिहार सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिलाओं के समग्र विकास पर 39 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने का प्रावधान किया है. महिलाओं पर खर्च होनेवाली राशि को लेकर उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में जेंडर बजट पेश किया. साथ ही इसे विधान परिषद में भी पेश किया गया. कुल बजट में जेंडर बजट का हिस्सा 14 फीसदी है , जो सिर्फ राज्य की महिलाओं के विकास पर खर्च किया जायेगा.
महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास
बिहार की कुल जनसंख्या में महिलाओं की आबादी लगभग चार करोड़ 98 लाख है. उनकी आबादी कुल जनसंख्या का 48 फीसदी है. अभी तक महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य व आर्थिक अवसर पाने की दिशा में पुरुषों की तुलना में पीछे हैं. राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए वर्ष 2008-09 से ही जेंडर बजट तैयार किया जा रहा है.
जीविका समूहो को सशक्त बनाया जायेगा
इसके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई प्रकार के पहल किये हैं. इसमें जीविका समूहों को सशक्त बनाना, सात निश्चय-दो के तहत सशक्त महिला-सक्षम महिला, सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण व इंजीनियरिंग कॉलेजों में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
दो श्रेणियों में बांटा गया जेंडर बजट
सरकार द्वारा जेंडर बजट को दो श्रेणियों में बांटा गया है. श्रेणी ए में उन योजनाओं और कार्यक्रमों को शामिल किया जाता है, जिसमें शत-प्रतिशत राशि महिलाओं और बालिकाओं पर खर्च की जाती है. श्रेणी बी में वैसी योजनाओं को शामिल किया जाता है, जिसमें कुछ घटक महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए होती हैं, जिसमें 30 से 99 प्रतिशत तक राशि खर्च की जाती है.
महिलाओं व बालिकाओं पर खर्च
वित्तीय वर्ष 2018-19 में महिलाओं व बालिकाओं पर 21 हजार 943 करोड़ खर्च किये गये थे, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 23 हजार 39 करोड़, 2020-21 में 22 हजार 418 करोड़, 2021-22 में 33 हजार 696 करोड़, 2022-23 में 41 हजार 864 करोड़, 2023-24 में 37 हजार 949 खर्च किये गये. अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 30 हजार 34 करोड़ महिलाओं पर खर्च होंगे.
बाल कल्याण पर 55 हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को विधानसभा और विधान परिषद में बाल कल्याण बजट 2024-25 पेश किया. बाल कल्याण बजट में वित्तीय वर्ष 2024-25 में बच्चों के समग्र विकास पर करीब 55 हजार करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया है. सरकार द्वारा आवंटित राशि का उपयोग दर्जनभर विभागों के माध्यम से कर बाल कल्याण की योजनाओं को पूरा किया जायेगा. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013-14 से बाल कल्याण योजनाओं के लिए बजट से संबंधित विवरणी की शुरुआत की गयी है. इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के शैक्षणिक, स्वास्थ्य व सुरक्षा मद में राशि का प्रावधान किया जाता है. 2013-14 में बच्चों पर 7825 करोड़ खर्च किये गये थे. वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 47 हजार 847 करोड़ किया गया और बाल कल्याण की योजनाओं पर खर्च की गयी. राज्य के कुल बजट में बाल विकास पर 16 फीसदी राशि आवंटित की गयी है. सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने वाले मानकों को पूरा करने के लिए राशि खर्च की जाती है.