पटना. राज्य में 13 में से 10 पनबिजली परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है. इस समय करीब 50 हजार यूनिट का उत्पादन हो रहा है. अन्य तीन परियोजनाएं बिजली उत्पादन के लिए तय जल स्तर प्राप्त होने के बाद चालू होंगी.
बिहार राज्य जल विद्युत निगम इन परियोजनाओं से बनने वाली बिजली बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड को बेच देता है. बिजली कंपनी उसकी आपूर्ति आम उपभोक्ताओं तक करती है. अन्य स्रोतों से मिलने वाली बिजली से यह सस्ती होती है.
पनबिजली इकाइयों से उत्पादित बिजली अभी 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेची जा रही है. सूत्रों के अनुसार इस साल नदियों में पानी बढ़ने की वजह से नहरों में भी पर्याप्त मात्रा में पानी आने लगा है. इसका लाभ राज्य की पनबिजली परियोजनाओं को भी हुआ है.
यदि पर्याप्त मात्रा में सभी 13 पनबिजली परियोजनाओं को पानी मिलने लगेगा, तो उनकी क्षमता के अनुसार करीब 54.3 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगेगा. पानी उपलब्ध रहने पर उत्पादन में कमी-वृद्धि होती रहती है.
सूत्रों के अनुसार राज्य की बड़ी पनबिजली परियोजनाओं में शामिल गंडक नदी पर वाल्मीकि नगर-15 मेगावाट, कोसी नदी पर कटैया-19.2 मेगावाट और सोन नदी पर डेहरी ऑन सोन में 6.6 मेगावाट क्षमता की परियोजना से उत्पादन शुरू नहीं हुआ है.
इन सभी नदियों में जल स्तर बढ़ने पर बिजली उत्पादन शुरू होगा. बिहार राज्य विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक आलोक कुमार ने कहा कि पनबिजली इकाइयों की उत्पादन क्षमता नदियों के जल स्तर से घटती और बढ़ती है.
Posted by Ashish Jha