बिहार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए होटल हो चुके बुक, 300 से अधिक देशी-विदेशी निवेशकों ने दी आने की स्वीकृति
बिहार में निवेश को आकर्षित करने के लिए उद्योग विभाग ने अपने कुशल मानव श्रम को निवेश के लिए सबसे बड़ी ताकत बताया है. पटना में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भागीदारी के लिए अभी तक राज्य के बाहर (विदेश सहित) के करीब 300 निवेशक अभी तक भागीदारी के लिए ऑन लाइन पंजीयन करा चुके हैं.
पटना. अगले सप्ताह 13 और 14 दिसंबर को पटना में प्रस्तावित बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 (ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ) के आयोजन में केवल करीब सौ घंटे बाकी हैं. 12 से 14 दिसंबर के लिए पटना शहर के सभी बड़े होटल, सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं. राज्य के बाहर देश के और 15 देशों के कॉरपोरेट प्रतिनिधि यहां ठहरेंगे. बिहार में निवेश को आकर्षित करने के लिए उद्योग विभाग ने अपने कुशल मानव श्रम को निवेश के लिए सबसे बड़ी ताकत बताया है. पटना में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भागीदारी के लिए अभी तक राज्य के बाहर (विदेश सहित) के करीब 300 निवेशक अभी तक भागीदारी के लिए ऑन लाइन पंजीयन करा चुके हैं. राज्य के अंदर के भागीदारी करने वाले उद्यमियों की संख्या 600 से अधिक बतायी जा रही है. आयोजन के प्रबंधन के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जा रहा है.
बिहार से बाहर राज्य के 23 लाख से अधिक प्रवासी पेशेवर
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार से बाहर राज्य के 23 लाख से अधिक प्रवासी पेशेवर हैं, जो बिहार में निवेश के लिए किसी भी कंपनी के लिए फायदे का सौदा साबित होंगे. इनमें आइटी / आइटीइजी और इएसडीएम के पेशेवर्स की संख्या 41136, फूड प्रोसेसिंग एंड एग्री इंडस्ट्रीज के 25231, टेक्सटाइल हैंडलूम के 26364, बैंकिंग और फाइनेंसियल सर्विसेज के 4255, मैकेनिक्स के 60329 ,कंस्ट्रक्शन में 9, 78954 ,हेल्थ केयर में 17455 और जनरल सर्विस में 375613 के पेशेवर शामिल हैं. खासतौर पर टेक्सटाइल,हैंडलूम और लैदर में निवेश के लिए उद्योग विभाग निवेशकों को विशेष सहूलियत देने पर विचार कर रहा है. दरअसल इस क्षेत्र में बिहार के समुचित पेशेवर्स मौजूद हैं, जो अभी दूसरे राज्यों में इस तरह की इंडस्ट्रीज की रीढ़ बने हुए हैं. उद्योग विभाग ने संबंधित वेबसाइट पर बताया है कि बिहार की 53 फीसदी अबादी 35 साल से कम उम्र की है. इस तरह बिहार युवाओं का प्रदेश है. बिहार में हर तरह के निवेश के लिए समुचित मानव बल उपलब्ध है. जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित ग्लोबल समिट में भागीदारी के लिए राज्य सरकार पूरे युद्ध स्तर पर लगी हुई है.
Also Read: केके पाठक ने बदल दी बिहार में ‘शिक्षा’ की सूरत, प्ले स्कूल की तरह दिखने लगे आंगनबाड़ी केंद्र
22 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है. तैयारियों के सिलसिले में पौंड्रिक ने बताया कि इस समिट में अब तक 11 देशों मसलन अमेरिया, जापान, ताइवान, जर्मनी, ब्राजील,यूएसइ,घाना, बांग्लादेश आदि भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इन्वेस्टर समिट में 600 कंपनियां या या ट्रेड एजंसियां भागीदारी करेंगी. पौंड्रिक ने बताया कि बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में 22 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. बताया कि भागीदारी करने वाली बड़ी कंपनियों में ब्रिटानिया, पतंजलि, गोदरेज , फॉक्सकॉन , एएमएडी, टाइगर एनलिस्टिक , लुलु ग्रुप , अडानी ग्रुप, आइटीसी ग्रुप , ओसवाल ग्रुप आदि शामिल हैं.
बिहार में आइटी इंडस्ट्रीज गेम चेंजर साबित होगी
बिहार ग्लोबल समिट के संबंध में पिछले दिनों पत्रकारों से बात करते हुए बिहार के सूचना एंव जन संपर्क मंत्री संजय झा ने कहा था कि बिहार के औद्योगिक भविष्य और रोजगार सृजन में आइटी इंडस्ट्रीज गेम चेंजर साबित होगी. दस लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में इसकी विशेष भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि इसी मंशा के मद्देनजर सरकार ने आइटी पॉलिसी को मंजूरी दी है. उन्होंने विकास के नजरिये से प्लग एंड प्ले को खास बताया. उन्होंने कहा कि बिहार के औद्योगिक विकास के मद्देनजर विशेष राज्य का दर्जा मांग रही है. अगर यह दर्जा मिल जाता है तो उद्योगों में छूट देने में आसानी होगी. मंत्री झा ने कहा कि बाहर रह रहे बिहार के लोग बिहार में काम शुरू करना चाहते हैं. दरअसल बिहार की छवि में सकारात्मक सुधार हुआ है. कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने उल्लेखनीय आर्थिक तरक्की की है.
औद्योगिक विकास के लिए अब केवल परसेप्शन बदलने की जरूरत
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन का एक प्रमुख मकसद, उद्यमियों को बिहार की विभिन्न औद्योगिक नीतियों से रू-ब-रू कराना है. उन्होंने कहा कि विकास की मूलभूत दिक्कतों से बिहार ऊपर उठ चुका है. राज्य के 75 औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना विकास में हम दो हजार करोड़ तक खर्च कर चुके हैं. महासेठ ने कहा कि बिहार के औद्योगिक विकास के लिए अब केवल छवि या परसेप्शन बदलने की जरूरत है. हम एमएसएमइ और दूसरी औद्योगिक योजनाओं में देश के शीर्ष राज्यों में हैं. अवार्ड हासिल कर रहे हैं. साफ है कि हमने औद्योगिक विकास में काम किया है.