बिहार को 2024 तक केंद्रीय कोटे से करीब 9000 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में एनटीपीसी की विभिन्न इकाइयों से बिहार राज्य को 6560 मेगावाट बिजली का आवंटन मिल रहा है. बिजली कंपनियों ने अगले एक से डेढ़ वर्षों में एनटीपीसी बाढ़ की दो यूनिट, झारखंड के नॉर्थ कर्णपुरा की एक यूनिट और बक्सर की दो थर्मल पावर यूनिटों से करीब 1998 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आवंटन का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही सोलर इनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा ब्रेडा की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से भी करीब 760 मेगावाट बिजली मिलने का अनुमान है. ऐसे में बिहार को मिलने वाली बिजली की उपलब्धता 9000 मेगावाट को पार कर सकती है.
एनटीपीसी के बाढ़ थर्मल पावर प्लांट में अब फेज वन की मात्र दो यूनिटों का चालू होना ही बाकी है. फेज वन की दूसरी यूनिट का हाल ही में ग्रिड से सफल सिंक्रोनाइजेशन पूरा हो गया और उम्मीद है कि मई 2023 से 660 मेगावाट की इस यूनिट से बिहार को 405 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी. इसके साथ ही अप्रैल 2024 तक फेज वन की तीसरी व अंतिम यूनिट से भी 342 मेगावाट बिजली का कोटा उपलब्ध हो जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक झारखंड में स्थित नॉर्थ कर्णपुरा की दूसरी यूनिट भी जुलाई 2023 तक पूरी हो जायेगी. इसमें बिहार का कोटा 229 मेगावाट का है.
बिजली कंपनियों ने 2024 तक बक्सर थर्मल पावर प्लांट की दोनों यूनिटों के चालू होने की उम्मीद जतायी है. हालांकि वर्तमान में जमीन अधिग्रहण की समस्या को देखते हुए फिलहाल इसकी उम्मीद कम लग रही है. नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर बिजली कंपनी ने सोलर इनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसइसीआइ) से विंड एनर्जी को लेकर 300 मेगावाट का समझौता किया है. यह बिजली दिसंबर 2023 तक उपलब्ध होगी. इसके साथ ही एसइसीआइ के 230 मेगावाट के हाइब्रिड प्रोजेक्ट से भी दिसंबर 2023 तक जबकि ब्रेडा के सोलर पावर प्रोजेक्ट से मार्च 2024 तक 250 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद जतायी गयी है.
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अधिकारी के मुताबिक वर्तमान में बिहार को एनटीपीसी की सिर्फ बाढ़ थर्मल पावर तीन की इकाइयों से 1603 मेगावाट बिजली मिल रही है. इनमें स्टेज-2 की दो इकाइयों से 1,198 मेगावाट एवं स्टेज वन की एक इकाइ से 405 मेगावाट बिजली शामिल है. मई में स्टेज वन की दूसरी इकाई और फिर मार्च 2024 तक तीसरी व अंतिम इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने पर इससे 810 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी. इससे बाढ़ प्लांट से मिलने वाली बिजली 1603 मेगावाट से बढ़कर 2000 मेगावाट से कुछ ज्यादा हो जायेगी.