बिहार को भी मिलेगी सस्ती गैस, प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना के तहत होगी आपूर्ति

जेएचबीडीपीएल के तहत गेल बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन भी बिछा रही है जो पूर्वोत्तर गैस ग्रिड पाइपलाइन के लिए स्रोत का काम करेगी. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और आगे देश के पूर्वोत्तर इलाके के पूरे भौगोलिक क्षेत्र को जोड़ेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2023 11:30 PM

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ऊर्जा गंगा’ पाइपलाइन परियोजना अब देश के पूर्वी राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल को सस्ती गैस आपूर्ति करने को तैयार है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. परंपरागत रूप से प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली और उर्वरक उत्पादन में किया जाता है. इसे वाहन ईंधन सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल होने वाली गैस पीएनजी में भी बदला जाता है. अभी तक यह गैस सिर्फ पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में उपलब्ध थी. इसकी वजह यह है कि गैस को स्रोत से उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाने वाली पाइपलाइन सिर्फ इन क्षेत्रों तक सीमित थी. बता दें कि गैस पाइपलाइन गैस के परिवहन का सबसे सस्ता साधन है.

बढ़ी स्वच्छ ईंधन की स्वीकार्यता

जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) को प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन कहा जाता है. सूत्रों ने कहा कि भारत के पूर्वी राज्यों में गैस परिवहन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गेल (इंडिया) लिमिटेड को जेएचबीडीपीएल बिछाने के लिए अधिकृत किया गया था. ‘ऊर्जा गंगा’ पाइपलाइन परियोजना से देश के आंतरिक या भीतरी इलाकों तक सस्ती प्राकृतिक गैस की कीमतों का लाभ पहुंचाने में मदद मिली है. इससे देश में स्वच्छ ईंधन की स्वीकार्यता भी बढ़ी है

उपभोक्ताओं को मिलेगी सस्ती सीएनजी और पीएनजी

इस पाइपलाइन से सरकार के प्राकृतिक गैस के दाम घटाने के फैसले के बाद देश के पूर्वी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को सस्ती सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी. इससे गैस की कीमतों में लगभग 5-7 रुपये की कमी का लाभ अभी 20 कस्बों और शहरों के उपभोक्ताओं को मिल रहा है. सरकार ने जेएचबीडीपीएल के क्रियान्वयन के लिए 40 प्रतिशत का व्यवहार्यता अंतर कोष (वीजीएफ) प्रदान किया है. यह राशि 5,176 करोड़ रुपये बैठती है.

2016 में पाइपलाइन बिछाने का शुरू हुआ था काम 

अक्टूबर, 2016 में उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया, झारखंड के बोकारो और ओडिशा के धामरा तक 2,655 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था. बाद में इस लाइन को बिहार में बरौनी से असम में गुवाहाटी तक बढ़ाया गया था. यह लंबाई करीब 726 किलोमीटर है. इसका मकसद पूर्व के अछूते राज्यों तक गैस पहुंचाना था.

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बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन पर चल रहा काम 

जेएचबीडीपीएल के तहत गेल बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन भी बिछा रही है जो पूर्वोत्तर गैस ग्रिड पाइपलाइन के लिए स्रोत का काम करेगी. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और आगे देश के पूर्वोत्तर इलाके के पूरे भौगोलिक क्षेत्र को जोड़ेगी.

भाषा इनपुट से साभार

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