पटना. बिहार में बिजली की किल्लत बरकरार है. शनिवार को एनटीपीसी की बरौनी की एक यूनिट से 250 मेगावाट बिजली आपूर्ति बहाल हो गयी, लेकिन डिमांड के मुताबिक सप्लाइ नहीं होने से कटौती जारी रही. शनिवार को भी केंद्रीय यूनिटों से करीब 1200 से 1300 मेगावाट बिजली कम मिली. हालांकि, एनटीपीसी ने दावा कि बिहार में बिजली की औसत उपलब्धता शाम के कुछ घंटों को छोड़ कर हमेशा अत्यधिक ही रही है.
सुबह करीब 11 बजे एनटीपीसी के द्वारा घोषित 4440 मेगावाट बिजली की जगह बिहार मात्र 2793 मेगावाट बिजली ही ले पा रहा था. शाम को भी केंद्रीय यूनिटों से 4400 मेगावाट के आसपास बिजली का आवंटन रहा, जबकि खपत 5600 मेगावाट से अधिक रही. इसकी पूर्ति के लिए बिजली कंपनियों ने खुले बाजार से बिजली खरीदने की कोशिश की, लेकिन उपलब्धता सीमित नहीं होने से अधिक नहीं मिल सकी.
कोल संकट के कारण निजी बिजली उत्पादक कंपनियां भी ऊर्जा संकट से जूझ रही हैं. नवीनगर की एक यूनिट आज से हो सकती है चालू : एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि बिहार को निर्धारित आवंटन के तहत पूरी बिजली मिले, इसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है. 660 मेगावाट की नवीनगर पावर जेनरेशन की एक यूनिट को शनिवार से ही उत्पादन में लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए शाम तक यूनिट लाइट-अप की प्रक्रिया की गयी.
इस यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू होने पर बिहार को मिलने वाली बिजली में 500-550 मेगावाट की अतिरिक्त बढ़ोतरी संभावित है. एनटीपीसी ने बताया कि प्रचालन से बाहर शेष यूनिटों में से फरक्का यूनिट 6, कांटी यूनिट 4, बीआरबीसीएल यूनिट 3 निर्धारित रखरखाव में है. इसके लिए बिहार सहित सभी संबंधित लाभार्थी राज्यों से पूर्व में ही अनापत्ति ली जा चुकी है.