पटना में मनाया जाएगा मखाना महोत्सव, खेती के लिए किसानों को इतने रुपये का मदद देगी बिहार सरकार
Makhana Mahotsav: मखाना बिहार की लोकप्रिय फसलों में से एक है. मखाना के उत्पादन के लिए दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और समस्तीपुर जिले जाने जाते हैं.
Makhana mahotsav Patna: बिहार की राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में 29 और 30 नवंबर को मखाना महोत्सव मनाया जाएगा. कार्यक्रम को लेकर बिहार सरकार की ओर से जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है. बता दें कि मखाना बिहार की लोकप्रिय फसलों में से एक है. मखाना के उत्पादन के लिए दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और समस्तीपुर जिले जाने जाते हैं.
मधुबनी जिले में ही 25000 से ज्यादा तालाब हैं, जहां मखाने की खेती होती है. देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है, जिसमें 80 से 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है.
बिहार के कई जिले में बड़े पैमाने पर किसान मखाना की खेती करते हैं. कम लागत और अधिक मुनाफा के चलते हाल के वर्षों में किसानों की दिलचस्पी मखाना खेती की तरफ तेजी से बढ़ी है. इसी वजह से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मखाना महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 29 और 30 नवंबर को गांधी मैदान के पास स्थित ज्ञान भवन में किया जाएगा.
75 प्रतिशत तक अनुदान दे रही सरकारबता दें कि बिहार सरकार मखाना की खेती करने वाले किसानों के लिए सब्सिडी भी देती है. बागवानी विभाग मखाना के उच्च प्रजाति के बीज का प्रत्यक्षण के लिए सरकार 75 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है. इसकी लागत 97 हजार रुपये हैं. यानी 97 हजार रुपये में से 75 हजार रुपये सरकार देगी.
उद्योग लगाने के लिए भी सब्सिडी दे रही सरकारमखाना खेती के अलावे मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए भी बिहार सरकार सब्सिडी देती है. बिहार सरकार द्वारा जारी एक पत्र के मुताबिक व्यक्तिगत निवेशकों के लिए पंद्रह प्रतिशत, तो किसान उत्पादक संगठन के लिए 25 प्रतिशत तक की आर्थिक मदद कर रही है.
कहां-कहां होती है मखाना की खेतीबिहार में मखाना उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है. लगभग 120000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40000 टन मखाने का लावा प्राप्त होता है. देश में मखाने का कुल कारोबार 550 करोड़ रुपए का है.
मखाना खाने के फायदेप्रति 100 ग्राम भुने मखाने में 9.7 फीसदी प्रोटीन, 75 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, आयरन और वसा के अलावा 382 किलो कैलोरी मिलती है. इसमें दूध और अंडे के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. अगर इसे नियमित खाया जाए तो यह काफी हेल्दी है.