बिहार सरकार नीलाम करेगी झारखंड स्थित छह कंपनियां, जानिए कब और कैसे आप लगा सकते हैं बोली
बिहार सरकार ने झारखंड स्थित छह कंपनियों समेत कुल सात कंपनियों की संपत्ति नीलाम करने का फैसला किया है. बिहार साख एवं विनियोग निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की ओर से सेल नोटिस जारी कर दिया गया है.
पटना. बिहार सरकार झारखंड स्थित छह कंपनियों समेत कुल सात कंपनियों की संपत्ति नीलाम करेगी. इसके लिए बिहार सरकार की वित्तीय एजेंसी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. बिहार साख एवं विनियोग निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की ओर से सेल नोटिस जारी कर दिया गया है.
निलाम होनेवाली कंपनियों ने बिहार सरकार की वित्तीय एजेंसी बिहार साख एवं विनियोग निगम लिमिटेड से कर्ज लिया था, जो अब तक नहीं चुकाया है. अब एजेंसी इन कंपनियों को नीलाम कर डूबे पैसे की वसूली करेगी. नीलामी के लिए तैयार की गयी सात कंपनियों की सूची में झारखंड की छह कंपनियों के अलावा बिहार में औरंगाबाद की मगध स्मोकलेस कोकिंग कोल लिमिटेड भी है.
कंपनियों की जमीन समेत प्लांट, मशीनरी और सारी परिसंपत्तियों के लिए बोली आमंत्रित की गयी है. एजेंसी ने कंपनी पर बोली लगाने के इच्छुक लोगों को नीलामी में भाग लेने के लिए 11 जनवरी तक आवेदन देने को कहा है.
इन कंपनियों की होगी नीलामी
नाम- स्थान- उत्पाद
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माइक्रो मेटल सेन एंड कंपनी- जसीडीह- मशीन टूल्स
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मिनरल एसोसिएटेड इंडस्ट्रीज- गोड्डा- खनिज
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नरसिंह सीमेंट कंपनी- गिरिडीह- सीमेंट
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ऋषि सीमेंट कंपनी- मांडू- सीमेंट
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सिंहवाहिनी सीमेंट- रामगढ़- सीमेंट
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वाम इंजीनियरिंग -जसीडीह- एलपीजी सिलेंडर
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मगध स्मोकलेस कोकिंग कोल- औरंगाबाद- विशेष धुंआरहित ईंधन
जिन सात कंपनियों की नीलामी होगी उनमें से तीन सीमेंट कंपनियां हैं. एक मशीन उपकरण बनाने वाली कंपनी और एक एलपीजी सिलेंडर बनाने वाली कंपनी है. बिहार विभाजन से पहले ही इन कंपनियों ने औद्योगिक विस्तार के लिए संयुक्त बिहार की वित्तीय एजेंसी से स्थापना के लिए लोन लिया था.
बिहार विभाजन के बाद झारखंड सरकार ने इन कंपनियों के कर्ज की जिम्मेवारी लेने से इनकार कर दिया था. इन कंपनियों ने भी कर्ज चुकाने में कोताही की. इधर, पैसा डूबने के कारण साख एवं विनियोग लिमिटेड की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गयी. ऐसे में बिहार सरकार ने एजेंसी को कर्जदार कंपनियों की परिसंपत्ति बेचकर पैसे की वसूली करने को कहा है. इसके बाद एजेंसी ने नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
Posted by Ashish Jha