पटना. दाखिल-खारिज को लेकर अंचल अधिकारी के आदेश के विरुद्ध भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के कोर्ट से अब तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी. डीसीएलआर की मनमर्जी नहीं चलेगी. उनको सुनवाई की तारीख भी जल्दी देनी होगी. फैसले में देरी भी नहीं कर सकेंगे.
अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विवेक कुमार सिंह ने आदेश दिया है कि डीसीएलआर किसी की सुनवाई दो बार से अधिक स्थगित नहीं कर सकेंगे. सुनवाई स्थगित करने पर कारण आॅर्डरशीट में लिखना होगा. आॅर्डर भी आॅनलाइन करना होगा.
इस नयी व्यवस्था पर अमल कराने के लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विवेक कुमार सिंह ने सभी डीएम को पत्र लिखा है. अपर मुख्य सचिव ने कई जगहों से शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं मिल रही थीं कि अंचल अधिकारी के आदेश के विरुद्ध डीसीएलआर के स्तर पर दायर अपील का निस्तारण निर्धारित समय से नहीं किया जा रहा है.
कई मामलों में पाया गया कि डीसीएलआर के स्तर पर जानबूझकर देरी की गयी. मामले की सुनवाई में बिना किसी युक्तिसंगत आधार कि स्थगन आदेश पारित कर सुनवाई की तारीख पर तारीख दी.
एससीएस विवेक कुमार सिंह ने इसे अधिनियम के प्रावधानों और लोकहित के प्रतिकूल माना है. इसके बाद बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम, 2011 के तहत डीसीएलआर के स्तर पर दायर अपील वाद मामलों का समय से निष्पादन कराने को लेकर सभी डीएम को पत्र जारी कर दिया.
बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम, 2011 की धारा-7 (1) में प्रावधान है कि अंचल अधिकारी के आदेश के विरुद्ध आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर डीसीएलआर के समक्ष अपील दायर की जायेगी. अधिनियम धारा-7 (4) के तहत दाखिल-खारिज अपील के निबटारा की समय सीमा दाखिल-खारिज अपील दायर करने की तारीख 30 कार्य दिवस होगी. अधिनियम की धारा-8 के तहत पुनरीक्षण का प्रावधान है.
इसकी उपधारा (2) के तहत डीसीएलआर के किसी आदेश के खिलाफ कोई व्यक्ति 30 दिनों के भीतर समाहर्ता या अपर समाहर्ता के समक्ष पुनरीक्षण के लिए आवेदन दायर कर सकता है. उपधारा (5) के तहत दाखिल-खारिज पुनरीक्षण आवेदन के निबटारा की समय सीमा पुनरीक्षण के लिए आवेदन की प्राप्ति की तिथि से 30 कार्यदिवस निर्धारित की गयी है़
Posted by Ashish Jha