बिहार सरकार की बड़ी पहल हुई कामयाब, 2023 के अंत तक सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों का होगा अपना भवन, सुधरेगी रैंकिंग

बिहार के सभी जिलों में इस साल अंत तक इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना भवन हो जायेगा. सात निश्चय के तहत राज्य के सभी जिले में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गये. इनमें से 35 इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन बन कर तैयार हो गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2023 11:52 PM

बिहार के सभी जिलों में इस साल अंत तक इंजीनियरिंग कॉलेज का अपना भवन हो जायेगा. सात निश्चय के तहत राज्य के सभी जिले में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गये. इनमें से 35 इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन बन कर तैयार हो गये हैं. दो का निर्माण कार्य अगले एक-दो महीने में हो जायेगा, जबकि तीसरे का निर्माण अक्तूबर तक पूरा कर लिया जायेगा वहीं, इन इंजीनियरिंग कॉलेजों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा,ताकि छात्रों को पढ़ाई में मदद मिल सके और छात्र नियमित कॉलेज में पहुंचे. हाल की समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि छात्र बुनियादी सुविधाओं के कारण भी नियमित कॉलेज नहीं आते हैं.

इन जिलों में काम मार्च व अक्तूबर तक हो जायेगा पूरा

विभागीय सूत्रों के मुताबिक राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय भोजपुर एवं कटिहार का भवन निर्माणाधीन है. इसे मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है,जबकि राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय बक्सर का भवन अक्तूबर 23 तक निर्माण पूरा कर लिया जायेगा. कटिहार में तो निर्माणाधीन भवनों में ही कुछ सेक्शन के क्लास चल रहे हैं, जबकि पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज किशनगंज, शेखपुरा, खगड़िया,भोजपुर और शिवहर के भवन बन कर तैयार हैं. इसी वित्तीय वर्ष में इन पांचों कॉलेजों की पढ़ाई नवनिर्मित भवनों से शुरू हो जायेगी. इस तरह बक्सर को छोड़ कर सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों की पढ़ाई अपने भवनों में शुरू हो जायेगी.

पॉलिटेक्निक का भी अपना भवन

राज्य में 44 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान कार्यरत हैं. इनमें से 41 का अपना भवन बन चुका है. तीन पॉलेटेक्निक संस्थान भोजपुर, अरवल व जहानाबाद के भवन निर्माणाधीन हैं. इसी वित्तीय वर्ष यानी मार्च तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में ही दो नये पॉलिटेक्निक बाढ़ व नाथनगर , भागलपुर को शुरू किया गया है. भागलपुर पॉलिटेक्निक को बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान के परिसर में, जबकि नवीन राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में बाढ़ पॉलिटेक्निक का संचालन हो रहा है. बाढ़ में स्थायी भवन बनाने की स्वीकृति विभाग ने दे दी है.

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