समस्तीपुर. यदि स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति करते हैं या फीस के लिए छात्रों का मानसिक उत्पीड़न किया जाएगा तो अभिभावक तत्काल इसकी शिकायत कर सकते है.अभिभावक बेखौफ होकर शिक्षा विभाग व संबंधित बोर्ड के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं.
पढ़ाई के नाम पर लापरवाही करने वाले स्कूलों पर जहां सरकार ने सख्ती दिखाई है. वहीं ईमानदारी से पढ़ाई कराने वाले स्कूलों का समर्थन भी किया है. नियमानुसार पढ़ाई कराने वाले स्कूलों की अभिभावकों को मदद करने को कहा गया है.
प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निजी स्कूल शुल्क एक्ट का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. बिहार निजी विद्यालय (शुल्क विनियमन) 2019 के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा.
अधिनियम के गजट कंडिका 4 के आलोक में निर्धारित प्रवेश शुल्क, विकास शुल्क, मासिक अध्ययन शुल्क आदि निर्धारित किया जाएगा. सभी प्रकार के शुल्क के विगत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष का विवरण विद्यालय द्वारा आमलोगों के जानकारी के लिए विद्यालय के सूचना पट्ट एवं विद्यालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा.
विदित हो कि प्रमंडल स्तर पर इस अधिनियम के अंतर्गत एक समिति का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष प्रमंडलीय आयुक्त हैं एवं सदस्य सचिव क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक हैं. प्रमंडलीय मुख्यालय के जिला शिक्षा पदाधिकारी, आयुक्त द्वारा नामित निजी विद्यालयों के दो प्रतिनिधि एवं दो अभिभावक प्रतिनिधि समिति के सदस्य हैं.