विधानसभा में गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान कुछ ऐसे भी मामले आये, जिसके कारण सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गये. जोरदार हंगामा और शोर-शराबे हुआ. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के बजट को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे थे. तभी सत्तापक्ष में बैठे गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने उन्हें हाथ से कुछ इशारा किया. इस पर नेता प्रतिपक्ष भड़क गये और कहने लगे कि मंत्री सदन में ‘मुक्का’ दिखा रहे हैं. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ.
फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाषण के क्रम में कहा कि 66 प्रतिशत मंत्री दागी हैं. इस पर पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री ने कहा कि वे आज तक जेल या कोर्ट तक नहीं गये. फिर भी उन्हें दागी बताया जा रहा है. उन पर जो पांच मामले दर्ज हैं, वे चुनाव के दौरान उनके कार्यकर्ताओं की गलती की वजह से पार्टी के बतौर अध्यक्ष होने के नाते दर्ज हैं. ये कोई आपराधिक मामले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सांड लाल कपड़ा देखकर भड़कता है, उसी तरह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उन्हें देखकर भड़क जाते हैं.
वाद-विवाद के दौरान सत्तापक्ष के विधायक रामप्रवेश राय ने सीवान में अपराध की पुरानी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए वामदल के सदस्यों को माओवादी कह दिया. इस पर वामदल के सदस्य आक्रोशित हो गये और वेल में पहुंच कर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. महबूब आलम ने सरकार से बयान देने की मांग की.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने कभी किसी को कुछ नहीं बोला है और न ही बोलेगी, चाहे वह माओवादी बोलने का मामला हो या उग्रवादी. सभी सदस्य सरकार की नजर में सम्मानित हैं. इसके बाद वामदल के सदस्य शांत हुए. इस दौरान सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगाये.
Posted by: Radheshyam Kushwaha