पटना. बिहार से देश के अलग -अलग राज्यों में रोजगार के लिए जाने वाले मजदूरों और युवाओं के लिए माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर खोला जायेगा. इसकी शुरुआत सात राज्यों से की जायेगी. इस योजना को लेकर श्रम संसाधन विभाग ने पूरी तैयार ली है. इसके बाद निर्णय लिया गया है कि जिस राज्य के शहरों में मजदूरों की संख्या अधिक होगी, वहां पर सेंटर को खोला जायेगा, ताकि वहां रहने वाले मजदूरों को रहन-सहन में होने वाली हर समस्या का समाधान किया जा सकें.
यह सेंटर अगले छह माह में स्थापित हो जायेंगे. इसको लेकर विभिन्न राज्यों में श्रम विभाग की ओर से इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर खुलने के बाद श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी वहां के अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर संबंधित राज्य की वैसे सुविधाओं को भी मजदूरों को दिलायेगी जो किसी भी राज्य के मजदूरों को मिल सकती है.
श्रम विभाग ने माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर खोलने के लिए पहले एनजीओ या इंडस्ट्री को पार्टनर बनायेगा, ताकि इसे शुरू करने में विभागीय अधिकारियों की बस निगरानी रहे एवं वहां इस एनजीओ या इंडस्ट्री पार्टनर के साथ एमओयू हो. उसके संचालन की जिम्मेदारी भी उसकी हो. विभाग के स्तर से हर दिन सेंटर की ऑनलाइन निगरानी होगी. सेंटर में पहुंचे हर मजदूर का डेटाबेस तैयार होगा.
20 से 40 % मजदूर जब काम के लिए जाते हैं, तो दूसरे राज्यों में वह पहले तीन माह में ही लौट जाते हैं, लेकिन जो मजदूर एक साल तक रह जाते हैं. उनके लिए काम करना आसान होता है. इसी उद्देश्य से इस सेंटर की स्थापना की जायेगी.
-अरविंद कुमार चौधरी,प्रधान सचिव,श्रम संसाधन विभाग.