पटना. कोविड संक्रमण के दूसरे दौर में अन्य राज्यों से बिहार लौट रहे कुशल मजदूरों को स्वरोजगार शुरू कराने के लिए प्रत्येक जिले को अब 75 लाख रुपये दिये जायेंगे़ इससे पहले प्रत्येक जिले के लिए यह राशि 50 लाख रुपये तक ही थी़
सरकार ने मजदूरों के वापसी की संभावनाओं को देखते हुए इस बार जिले की निवेश राशि में इजाफा किया है़ यह समूची कवायद जिला औद्योगिक नव परिवर्तन निधि योजना के तहत की जानी है़ राशि 75 लाख करने की पुष्टि उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने की है़
इस योजना के तहत दूसरे राज्यों से घर आये दूसरे प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार उद्योग लगाने के लिए मदद करती है़ हर इकाई से न्यूनतम 10 मजदूर व अधिकतम 50 मजदूरों को रोजगार प्राप्त होगा़
इस योजना के तहत यूनिट मजदूरों के स्वयं सहायता समूह के नाम से पंजीबद्ध कराना होगा. जिला पदाधिकारी इस मामले में अंतिम निर्णय लेते हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के बाद अपने घर लौटे कुशल कारीगर को पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर उसके ट्रेड के मुताबिक समूह बनाकर उनकी कार्य के दक्षता के अनुरूप परियोजना लगाने के लिए स्किल्ड लेबर ग्रुप्स को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध करायेगी़ इस संदर्भ में लॉकडाउन वन में चनपटिया में कलस्टर लगाकर दर्जनों यूनिट खोली गयी थीं.
प्रदेश की खाद्य मंत्री लेसी सिंह ने कहा है कि अगर कोविड संक्रमण के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बिहार मजदूर लौटेंगे तो उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की व्यवस्था की जायेगी़ राज्य सरकार इस दिशा में पूरी तरह संवेदनशील है़ लेसी सिंह ने कहा कि विभाग पूरे परिदृश्य पर निगाह रखे हुए है. जरूरत पड़ने पर तत्काल कदम उठाये जायेंगे़
इधर, शिक्षा विभाग 2021-22 के लिए सबसे अधिक दूसरे राज्यों से परिवार सहित लौटे बच्चों की पढ़ाई के लिए भी बजट की मांग करने जा रहा है़ इस बार आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या अभी बढ़ सकती है़ लिहाजा अधिक बजट की मांग की जायेगी़
Posted by Ashish Jha