नेपाली नगर मामले में कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार की ओर से एक शपथ पत्र दायर कर यह बताया गया कि नेपाली नगर के मामले में राज्य सरकार का रुख यथावत है. उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नयी सरकार के गठन के बाद भी नहीं आया है. वहां जो भी कार्रवाई हुई है वह सही है और वहां के लिये बनाये गये नियमों के तहत हुई है. इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा. नगर एवं आवास विभाग की ओर से प्रधान सचिव आनंद किशोर ने यह शपथ पत्र कोर्ट में दायर किया है. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस मामले पर अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी.
कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर यह बताने को कहा है कि राजीव नगर और नेपाली नगर में स्थित आवास बोर्ड की जमीन पर किये गये अवैध निर्माण के मामले में वहां पिछले 25 वर्षों से पदस्थापित आवास बोर्ड और राजीव नगर के एसएचओ के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जायेगी. क्योंकि इनके नजरों के सामने ही वहां निर्माण कार्य किया गया और ये लोग कुछ भी नहीं किये. कोर्ट का कहना था कि इस मामले में ज्यादा दोषी यही लोग हैं. अगर ये लोग चाहते तो वहां अवैध निर्माण नहीं होता. ऐसी स्थिति में सरकार कोर्ट को बताएं कि आवास बोर्ड और राजीव नगर के संबंधित पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्रवाई वह करने जा रही है. कोर्ट ने कहा कि इनके रहते इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर मकान बना लिया गया.
बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने आवास बोर्ड की ओर से अपना पक्ष रखा था. उनका कहना था कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बना है, उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है.
कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि राजीवनगर और नेपालीनगर क्षेत्र में बने मकानों को जबरदस्ती तोड़ने और वहां रह रहे लोगों को हटाने की कार्रवाई सही नहीं थी. हटाने के पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस दे कर जानकारी देना चाहिए था.उन्होंने कहा कि नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि या तो उन्हें उचित जगह दिया जाये या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था सरकार द्वारा की जाये .