अब एक फोन पर आपके घर पहुंच जाएगा जर्दालू आम और लीची, सरकार शुरू करने जा रही है डोर-टू-डोर डिलीवरी
bihar news in hindi: बागवानी करने वाले किसान को मुनाफा और आम उपभोक्ताओं को घर बैठे फलों का स्वाद मिलने जा रहा है. लॉकडाऊन में लोग शाही लीची और जर्दालू आम का स्वाद ले सकें इसके लिये कृषि विभाग दोनों फलों को डोर- टू डोर उपलब्ध कराने जा रहा है.
बागवानी करने वाले किसान को मुनाफा और आम उपभोक्ताओं को घर बैठे फलों का स्वाद मिलने जा रहा है. लॉकडाऊन में लोग शाही लीची और जर्दालू आम का स्वाद ले सकें इसके लिये कृषि विभाग दोनों फलों को डोर- टू डोर उपलब्ध कराने जा रहा है. उड़ान, देहात, और बिग बास्केट को जोड़ रहा है. कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को कहा है कि उपभोक्ताओं के घर पहुंचने वाला यह फल प्राकृतिक रूप से पका हुआ होगा. वह बाजार की तुलना में ज्यादा गुणवत्तापूर्ण एवं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा.
जर्दालू आम एवं शाही लीची के किसानों को इस कोरोना काल में बाजार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सचिव कृषि डा. एन सरवण कुमार एवं उद्यान निदेशक नंद किशोर के प्रयासों को भी सराहा है. योजना के अंतर्गत किसान उत्पादक कम्पनियों को बाजार के साथ जुड़ने के साथ-साथ उद्यानिक फसलों की प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में भी सहयोग दिया जा रहा है. बाजार से जुड़ते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जा है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले.
साथ ही, उपभोक्ताओं को ताजा एवं उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद उनके घर पर ही उपलब्ध हो सके. ‘बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना’ के अंतर्गत 15 महत्वपूर्ण उद्यानिक फसलों को उत्पाद से लेकर बाजार तक की व्यवस्था की जा रहा है. इस योजना में 22 जिलों में 23 किसान उत्पादक कम्पनियों का गठन किया गया है
जर्दालू आम और शाही लीची का भौगोलिक सूचकांक जीआई टैग प्राप्त– कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जर्दालू आम और शाही लीची से जुड़े किसान उत्पादक समूहों को उद्यान निदेशालय में गठित तकनीकी सहयोग समूह के माध्यम से बिग बास्केट, देहात और उड़ान जैसी संस्थाओं से जुड़ने का प्रयास किया गया है. इन संस्थानों के माध्यम से बिहार के विशिष्ट उत्पाद देश के उपभोक्ताओं तक पहुंच सकेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना हर भारतीय के थाल में बिहार का एक उत्पाद हो को पूरा करेगा. मंत्री ने कहा कि शाही लीची और जर्दालू आम बिहार के गौरव एवं विशिष्ट उत्पाद हैं. इनको भौगोलिक सूचकांक जीआई टैग प्राप्त हैं.