पटना. मद्य निषेध से जुड़े केसों की सुनवाई के लिए न्यायालयों की संख्या बढ़ाये जाने का असर दिखने लगा है. इसकी वजह से सिर्फ विगत दो महीने में 157 मामलों में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए 89 लोगों को सजा सुनायी गयी, जबकि 68 दोषमुक्त करार दिये गये. सजा पाने वालों में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 10 को दस वर्ष और 51 को पांच वर्ष की सजा मिली है.
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि मद्य निषेध अधिनियम से संबंधित न्यायालयों में दर्ज करीब 3.50 लाख मामलों में से 1.12 लाख से अधिक मामलों का ट्रायल शुरू हो गया है. पहले इनकी संख्या काफी कम थी. इनमें से 1850 ट्रायल पूरे कर लिये गये, जिनमें अब तक 731 व्यक्ति को दोषमुक्त करार दिया गया, जबकि 1129 को सजा सुनायी गयी है.
आयुक्त ने बताया कि मद्य निषेध मामलों से जुड़े कई अभियुक्त जमानत खत्म होने के बावजूद न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे. ऐसे करीब 1874 अभियुक्तों की पहचान करते हुए उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट निकाला जा रहा है. इनमें से कई अभियुक्त पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, यूपी आदि राज्यों के हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस एवं उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम बना कर भेजी जा रही है.
मद्य निषेध आयुक्त ने बताया कि गोपालगंज जिले में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास जबकि दो को दस साल की सजा मिली है. भागलपुर में भी तीन अभियुक्तों को दस साल की सजा मिली. इसके साथ ही अररिया में 11, बांका में सात तथा बक्सर और अरवल में पांच-पांच लोगों को पांच साल की सजा सुनायी गयी है.
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छापेमारी – 68497
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केस दर्ज – 8417
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गिरफ्तारी – 9805
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शराब बरामदगी- 3.55 लाख बल्क लीटर
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वाहन जब्ती – 1308