बिहार के सभी कारखानों में काम करने वाले कामगारों और वहां इनके लिए सुरक्षा की क्या- क्या व्यवस्था की गयी है, इसकी थर्ड पार्टी सुरक्षा ऑडिट हर छह माह पर कारखाना मालिकों को कराना होगा. इसकी रिपोर्ट ऑनलाइन श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर भेजनी होगी. ऐसे नहीं करने वाले कारखाना मालिकों पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. थर्ड पार्टी जांच के दौरान कारखाना के मशीनों की जांच होगी. जांच में सभी मशीनों के रख-रखाव की रिपोर्ट बनायी जायेगी. वहीं, कामगारों के लिए आपदा के दौरान क्या-क्या व्यवस्था की गयी है. इसकी अलग से रिपोर्ट बनानी होगी. रिपोर्ट में कामगारों की टाइमिंग, किस तरह से काम लिया जाता है. किसी भी दुर्घटना के बाद कामगारों के इलाज की क्या व्यवस्था है. इसकी पूरी जानकारी देनी होगी.
रिपोर्ट के आधार पर होगी जांच
अधिकारियों के मुताबिक कारखानों की ओर से अपलोड जांच रिपोर्ट के आधार पर जांच होगी. जांच में किसी तरह की कमी मिलने पर कार्रवाई की जायेगी और जहां नियम का पालन बिल्कुल नहीं हो रहा होगा. वैसे सभी कारखानों से पहले शो कॉज होगा कि आपके कारखाने में इस तरह की कमियां हैं. उसके बाद विभाग के स्तर से कार्रवाई होगी. श्रम संसाधन विभाग के मुताबिक 8200 से अधिक निबंधित कारखानों में दो लाख 10 हजार से अधिक कामगार काम करते हैं.
कामगारों के लिए यह सुविधा जरूरी
– दुर्घटना के दौरान प्राथमिक उपचार की सुविधा.
– मशीनों की नियमित जांच
– रात में कारखाना में कोई सोये नहीं.
– कारखाना में हर कामगारों का मेडिकल फिटनेस जरूरी
– न्यूनतम मजदूरी , आइकार्ड और उनके लिए बैठकर खाने की व्यवस्था
– नियमित मॉक ड्रील किया जाये.
– बीमार कामगारों से काम नहीं लिया जाये.
– बाल श्रमिक की शिकायत नहीं मिले.