पटना. प्रदेश के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा है कि सरकारी कार्यालयों अर्धसरकारी कार्यालयों एवं उपक्रमों की तरफ से खरीदी न किये जाने से बुनकरों की फंसी पूंजी को वापस दिलाने विभाग जल्दी ही उचित कदम उठायेगा. उनसे खरीद करायी जायेगी.
उद्योग मंत्री ने यह आश्वासन राजेंद्र नगर स्थित हैंडलूम भवन में बिहार स्टेट हैंडलूम विभर्स को- ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड(बिश्कोटेक्स ) की तरफ से आयोजित बुनकर संवाद कार्यक्रम में दिया. उद्योग मंत्री महासेठ ने कहा कि बुनकरों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा.
दरअसल बुनकरों ने उन्हें बताया था कि पर्दा, सफेद बेड शीट ,पिलोकवर इत्यादि वस्तुओं का उत्पादन करने के बाद भी सरकारी उपक्रमों व विभागों ने खरीदी नहीं की, जिसकी वजह से उनका उत्पाद गोदामों में भरा पड़ा है. इससे बुनकरों की काफी पूंजी फंसी हुई है.
मालूम हो कि उद्योगमंत्री समीर महासेठ लगातार बुनकर समाज से विचार विमर्श कर रहे हैं. पिछले शनिवार को भी उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने बुनकरी के जरिए रोजगार सृजन को मुद्दे पर बुनकर वर्ग के प्रमुख लोगों के साथ विचार-विमर्श किया था.
मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है कि हस्तकरघा उद्योग के लिए जितनी भी मदद चाहिए होगी, राज्य सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि वे बिहार के बुनकरों को देश में नंबर वन बनाना चाहते हैं. इससे पलायन रुकेगा और बुनकरों के काम को पहचान मिलेगी.
इसपर खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक मोहम्मद हनीफ मेवाती ने सुझाव दिया कि आयोग द्वारा सोलर के माध्मयम से सूत कताई की जा रही है. बुनकर उसे इस्तेमाल में ला सकते हैं. उन्होंने कहा कि हाथ से तैयार किया गया कपड़ा शरीर के लिए आरामदायक है. उन्होंने कहा कि आयोग कई तरह के प्रशिक्षण व अन्य कार्यक्रम चला रहा है जिससे बुनकरों को रोजगार मिल सके.