बिहार सरकार राज्य में स्नातक पास करने वाली लड़कियों को बड़ी आर्थिक मदद देने जा रही है. सरकार मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत एक अप्रैल, 2021 के बाद स्नातक उत्तीर्ण करने वाली सवा लाख बालिकाओं को 50 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इसका सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है. इसकी मात्र औपचारिक घोषणा बाकी है. इससे पहले सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत कॉलेजों को निर्देशित किया जा चुका है कि वह जल्दी -से- जल्दी रिजल्ट अपनी-अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग 2018 से अभी 30 मार्च 2021 तक करीब एक लाख 98 हजार बालिकाओं को 25 हजार रुपये के हिसाब से प्रोत्साहन राशि बांट चुका है.
मकर संक्रांति के बाद होगा अप्लाई
शिक्षा विभाग ने अब प्रोत्साहन राशि को दोगुना बढ़ा कर 50 हजार कर दिया है. फिलहाल विश्वविद्यालयों की तरफ से रिजल्ट अपलोड करने के बाद संभवत: मकर संक्रांति के बाद पोर्टल पर कन्या उत्थान योजना के तहत प्रोत्साहन राशि की पात्र बालिकाओं से आवेदन मांगे जायेंगे. इस दौरान उन्हें कुछ मार्क सीट भी अपलोड करनी होगी. उनके इन सर्टिफिकेट की क्राॅस जांच विश्वविद्यालयों के अपलोड रिजल्ट से की जायेगी. दरअसल उच्च शिक्षा निदेशालय पूरी सतर्कता से आवेदनों की छानबीन करके प्रोत्साहन राशि बांटेगा. दरअसल विभाग के सामने इससे पहले के वर्षों में तमाम विसंगतियों का पता चला था. इसलिए वह अभी फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है.
वोकेशनल कोर्स की छात्राओं पर मान्यता की जांच के बाद निर्णय
डीएसडब्ल्यू ने वोकेशनल कोर्स की छात्राओं से जुड़े मामले को भी उच्च शिक्षा निदेशक के समक्ष रखा. बताया कि प्रतिवर्ष वोकेशनल कोर्स से भी छात्राएं उत्तीर्ण हो रही हैं. काॅलेजों में 18-20 वर्षों से वोकेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं. उस समय विश्वविद्यालय की विभिन्न निकायों से स्वीकृति लेने के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. वहां से विश्वविद्यालय को कोर्स के संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया. आवेदन को निरस्त भी नहीं किया गया. ऐसे में कोर्स का संचालन होता रहा है. ऐसे में कन्या उत्थान योजना शुरू हाेने के बाद जब मान्यता की बात हुई तो सरकार ने इन छात्राओं के आवेदन को अग्रसारित नहीं करने को कहा है. इसपर उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि सभी कागजातों के साथ विभाग में आएं. उसे देखने के बाद आगे निर्णय लिया जायेगा. बताया जा रहा है कि अब तक बिहार विश्वविद्यालय में ही वोकेशनल कोर्स की छात्राओं को कन्या उत्थान का लाभ नहीं मिल सका है. साथ ही सेल्फ फाइनेंस मोड में तीन काॅलेजों में संचालित कोर्स की छात्राओं को भी लाभ नहीं मिला है.