बिहार सरकार उत्तर और दक्षिण ग्रामीण बैंकों को आकस्मिकता निधि से देगी 84.87 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंकों में अपनी अंशपूंंजी बढ़ाने के साथ-साथ राज्य सरकार को भी अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए कहा था. इसको देखते हुये बिहार सरकार ने राज्य के दोनों उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के पुनर्पूंजीकरण करने के लिए 84.87 करोड़ देने का निर्णय लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2023 3:36 AM

पटना. अनुसूचित सरकारी और निजी बैंकों से कदमताल करने में ग्रामीण बैंक पूंजी के अभाव की वजह से पिछड़ रहे हैं. दूसरे बैंकों की तुलना में ग्रामीण बैंकों की गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ग्रामीण बैंक भी ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य बैंकों से प्रतिस्पर्धा कर सके, इसके लिए उन्हें पूंजी की जरूरत है. इसी कारणवश अब राज्य सरकार बिहार के उत्तर और दक्षिण ग्रामीण बैंकों को 84.87 करोड़ रुपये देगी.

ग्रामीण बैंकों को 84.87 करोड़ रुपये देगी बिहार सरकार

केंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंकों में अपनी अंशपूंंजी बढ़ाने के साथ-साथ राज्य सरकार को भी अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए कहा था. इसको देखते हुये बिहार सरकार ने राज्य के दोनों उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के पुनर्पूंजीकरण करने के लिए 84.87 करोड़ देने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ग्रामीण बैंक को यह राशि आकस्मिकता निधि से देगी. इसमें दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक को 57.79 करोड़ और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को 28.06 करोड़ देगी.

दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का एनपीए कुल ऋण का 50 फीसदी

बिहार के दोनों उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक (एसबीजीबी) का एनपीए बैंक के कुल ऋण का लगभग 50 फीसदी और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (यूबीजीबी) की एनपीए 23 फीसदी से अधिक है. जिस कारण से दोनों बैंकों का वित्तीय सेहत खराब हो गया है. बिहार कृषि प्रधान राज्य है, ऐसे में ग्रामीण बैंकों का एक खास महत्व है.

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