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बिहार के बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं बढ़ेगा बोझ, सरकार देगी 13114 करोड़ की सब्सिडी

ग्रामीण उपभोक्ताओं को मात्र 28 प्रतिशत बिजली का भुगतान करना पड़ेगा जबकि राज्य सरकार 72 प्रतिशत का भुगतान करेगी. शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को जो 200 यूनिट तक बिजली खपत करेंगे उनको 56.3 प्रतिशत भुगतान करना होगा जबकि राज्य सरकार राज्य सरकार 43.7 प्रतिशत खर्च अनुदान के रूप में उपलब्ध करा रही है.

बिहार में लगातार पांचवें साल भी वर्ष 2023-24 में बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार महंगी बिजली खरीदने के बाद भी राज्य के उपभोक्ताओं पर एक पैसे का अतिरिक्त बोझ नहीं देगी. उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल से बिहार में नयी बिजली दर लागू होनी है. इसके पहले शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में बढ़ी हुई बिजली दर का बोझ सरकार ने उठाने का फैसला किया. राज्य सरकार उपभोक्ताओं के बोझ को कम करने के लिए अब बिजली कंपनियों को 13114 करोड़ की सब्सिडी भरेगी. पिछले वर्ष राज्य सरकार ने बिजली के उपभोक्ताओं पर बिजली बोझ को कम करने के लिए 8895 करोड़ की सब्सिडी दी.

देश में सबसे महंगी बिजली बिहार को मिलती है

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिजली को लेकर पहले से मांग की जा रही है कि वन नेशन वन बिजली दर लागू हो. राज्य सरकार ने केंद्र को मदद करने के लिए राज्य की बिजली उत्पादन इकाइयों को भी भारत सरकार को सौंप दिया. उन्होंने बताया कि देश में सबसे महंगी बिजली बिहार को मिलती है. बिहार को अब 5.82 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है जबकि गुजरात को 3.74 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है. सबसे अमीर राज्य महाराष्ट्र को 4.32 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है तो मध्यप्रदेश को 3.49 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है. उन्होंने भाजपा सदस्यों से कहा कि वह बाहर जो भी बोलते हैं वह बोलते रहे पर केंद्र सरकार से कहें कि राज करना चाहते हैं तो देश में बिजली की एक ही रेट तय करें तब फायदा मिलेगा. बिहार ने तो एक-एक घर में बिजली पहुंचा दी है. वर्ष 2018 में दो माह पहले ही हर घर बिजली पहुंचा दी गयी.

ग्रामीण उपभोक्ताओं को मात्र 28 प्रतिशत बिजली का भुगतान करना पड़ेगा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने सदन को बताया कि बिहार में पांचवें साल भी बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार ने 8895 करोड़ सब्सिडी दी थी जो इस वर्ष 13114 करोड़ दी जायेगी. उन्होंने बताया कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को मात्र 28 प्रतिशत बिजली का भुगतान करना पड़ेगा जबकि राज्य सरकार 72 प्रतिशत का भुगतान करेगी.

शहरी उपभोक्ताओं को इतना मिलेगा अनुदान 

शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को जो 200 यूनिट तक बिजली खपत करेंगे उनको 56.3 प्रतिशत भुगतान करना होगा जबकि राज्य सरकार राज्य सरकार 43.7 प्रतिशत खर्च अनुदान के रूप में उपलब्ध करा रही है. 200 यूनिट से अधिक खपत करनेवाले संपन्न उपभोक्ताओं को राज्य सरकार 31.6 प्रतिशत अनुदान दे रही है.

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किसानों के लिए तो 89.9 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार देगी

किसानों के लिए तो 89.9 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार देगी और किसानों को सिर्फ 10 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा जो 70 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित है. राज्य के छोटे व्यावसायियों, पिराई की मशीनें और ग्रामीण उद्योगों को राज्य सरकार ने 19.39 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की है. राज्य के उद्योगों के लिए पहली बार 574 करोड़ अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.

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