भागलपुर: टीएमबीयू व मुंगेर विवि के पांच के 93 कर्मियों को अवैध व अनियमित बता हटाने का निर्देश जारी हुआ है. कॉलेजों के कर्मी 35 साल से सेवा दे रहे हैं. सरकार के उप सचिव ने टीएमबीयू के रजिस्ट्रार को शुक्रवार को पत्र भेजा है. पत्र आने के बाद कॉलेजों के कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.
सरकार के निर्देश से 26 शिक्षक व 67 कर्मचारी प्रभावित होंगे. 1980 में चतुर्थ चरण में छह अंगीभूत कॉलेज हुए थे, इसमें पांच कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों का मामला सामने आ रहा है. उस समय मुंगेर विवि टीएमबीयू में शामिल था. मुंगेर विवि के कॉलेजों भी टीएमबीयू में शामिल थे. उन कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति व सेवा सामंजन की प्रक्रिया टीएमबीयू में हुई थी.
सरकार से जारी पत्र में कहा गया है कि चौथे चरण के टीएमबीयू व मुंगेर के पांच काॅलेज अंगीभूत कॉलेजों में इस तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है. उनकी सेवा जस्टिस अग्रवाल कमिशन व एसबी सिन्हा कमिशन की रिपोर्ट के आधार पर अंतर्लीन की गयी थी. टीएमबीयू के वेतन व पेंशन पुनरीक्षण से अतिरिक्त व्यय भार की समीक्षा में विवि से दोनों आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अंतर्लीन किये गये शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या तय है, लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि अन्य शिक्षक और कर्मचारी सेवा में रहते हुए अनियमित ढंग से वेतन ले रहे हैं. ऐसे शिक्षक व कर्मचारियों की सेवा अवैध व अनियमित है. विवि के एक अधिकारी ने कहा कि चौथे चरण के कॉलेजों के शिक्षक ऐसे मामले में कोर्ट की शरण में पूर्व से हैं.