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बिहार के राज्यपाल ने लगवाये सियावर रामचंद्र की जय.. के नारे, पूर्व सांसद किंग महेंद्र की मूर्ति का किया अनावरण

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बुधवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने जहानाबाद पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों से 'सियावर रामचन्द्र की जय' के नारे लगवाए. उन्होंने कहा कि यह गूंज अयोध्या तक पहुंचेगी जहां 22 जनवरी को भगवान श्री राम का आगमन हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2023 7:44 PM

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बुधवार को जहानाबाद एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. जहां उन्होंने ओकरी स्थित बीबीएम कालेज के संरक्षक उद्योगपति दिवंगत सांसद डॉ महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान कालेज परिसर में स्थापित माता मूलूक रानी देवी की प्रतिमा पर भी उन्होंने माल्यार्पण किया. प्रतिमा अनावरण के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए गर्वनर ने सियावर रामचन्द्र की जय के जयकारे लोगों से लगवाए. उन्होंने कहा कि यह गूंज अयोध्या तक जाएगी जहां 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम पधार रहे हैं. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल हों. वहीं जिन लोगों को इस कार्यक्रम में अयोध्या जा कर शामिल होने का मौका नहीं मिल रहा, वह घर से ही इस कार्यक्रम में सहभागिता निभाएं. उन्होंने कहा कि हम बिहार के लोग संधि की भूमिका में हैं.

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शिक्षित लोग समाज के लिए आते हैं आगे

इस कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति की वकालत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाता है. शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का निर्माण है. व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र का निर्माण होता है. शिक्षा जब कम होती है तभी हम पीछे होने लगते हैं. जो शिक्षित होते हैं वही समाज में कुछ करने के लिए आगे आते हैं. इस बात को ब्रिटिश आक्रांताओं ने समझा था तभी उसने शिक्षा को समाप्त करने का प्रयास किया था. आज बिहार की साक्षरता दर 60-70 प्रतिशत है जिसे शत प्रतिशत करना है.

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1813 में 90 प्रतिशत थी देश की साक्षरता दर

राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 1813 में एक सर्वे हुआ था जिसका प्रकाशन 1850 में हुआ था उसमें देश की साक्षरता दर 90 प्रतिशत थी. जब ब्रिटिश यहां से गये तब 1948 में एक और सर्वे हुआ जिसमें साक्षरता दर मात्र 25 प्रतिशत थी. यह दर्शाता है कि ब्रिटिशों ने शिक्षा पद्धति को जान-बूझ कर नष्ट करने का प्रयास किया था. आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से समाज को शिक्षित किया जा रहा है.

राज्यपाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

आर्लेकर ने कहा कि शिक्षा के बारे में जागरूकता होती है तब समाज में परिवर्तन आता है. संस्कार युक्त शिक्षा दिया जा रहा है. हमें शिक्षा देने का संकल्प लेकर यहां से जाना होगा और उसे पूरे प्रदेश में फैलाना होगा. इससे पहले राज्यपाल के आगमन पर महाविद्यालय परिसर में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

किंग महेंद्र महामानव थे : राज्यपाल

गर्वनर ने कहा कि किंग महेंद्र जैसे युग पुरुष को समाज हमेशा याद रखता है. महाविद्यालय की स्थापना में किंग महेंद्र का योगदान हर कोई जानता है. समाज ने जो दिया है उसे समाज को वापस देने की सोच जिनकी होती है, उसे महामानव कहा जाता है. किंग महेंद्र ऐसे ही महामानव थे जिन्होंने महाविद्यालय की स्थापना ऐसे सुदुर ग्रामीण इलाके में किया जहां कोई उच्च शिक्षण संस्थान की कल्पना नहीं कर सकता था.

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किंग महेंद्र के दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता

राज्यपाल ने राजनीति, उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में महेंद्र प्रसाद की भूमिका को सराहते हुए कहा कि किंग महेंद्र ने जो मार्ग दिखाया है उस पर चलने की आवश्यकता है. पूरे प्रदेश में इस तरह के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना होनी चाहिए ताकि गांव में रहकर ही उच्च शिक्षा प्रदान किया जा सके. यह दूर दृष्टि किंग महेंद्र में ही था.

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रिपोर्ट- अशोक, जहानाबाद

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