बिहार में मार्च 2024 तक बड़े स्तर पर ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा. इसके तहत करीब 7209 बसावटों या टोलों को जोड़ा जायेगा. करीब 8283 किलोमीटर लंबाई में इन सड़कों का निर्माण होना है. इसकी निर्माण प्रकिया अभी चल रही है और मॉनसून सीजन के बाद निर्माण की गति बढ़ने की उम्मीद है. इन सभी सड़कों का निर्माण तय समय सीमा में गुणवत्ता के साथ करवाने का ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने सभी अभियंताओं को निर्देश दिया है. साथ ही सड़कों के निर्माण के साथ ही उसकी जियो टैगिंग कर विभाग को उसकी रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए कहा है. इसका मकसद निर्मित सड़कों का पूरा विवरण सुरक्षित रखना है. वहीं नाली गली के निर्माण को लेकर भी बड़ी जानकारी सामने आयी है.
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत करीब 8283 किमी लंबाई में निर्माण के लिए सड़कों का चयन किया गया है. इसमें मुख्य रूप से पटना सहित 20 जिलों में सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य है. इसके तहत पटना, अररिया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, कटिहार, मधेपुरा, जमुई, गया, भागलपुर, पूर्णिया और मधुबनी जिला मुख्य रूप से शामिल हैं. इनके साथ ही अन्य जिलों में ऐसे टोलों की जानकारी मिली जिनकी आबादी 100 से 249 लोगों की थी. ऐसे टोलों की संख्या करीब 7209 है.
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सूत्रों के अनुसार इन सड़कों के निर्माण का मकसद राज्य के छूटे टोलों और बसावटों को सड़क संपर्क उपलब्ध करवाना है. इसके लिए विभागीय स्तर पर विधायकों और विधान पार्षदों के साथ बैठक कर उनका प्रस्ताव लिया गया था. उनके प्रस्तावों पर स्थल निरीक्षण कर मोबाइल ऐप के माध्यम से सड़कों का चयन किया गया है. निरीक्षण के दौरान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अतिपिछड़ा वर्ग की आबादी की बहुलता वाले टोलों की जानकारी मिली. ऐसे में इन सभी टोलों को सड़क संपर्कता देने के लिए सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य है. इससे पहले भी ऐसे करीब 3977 किमी लंबाई में करीब 4643 बसावटों और टोलों को सड़क संपर्कता दी जा चुकी है.
वहीं बिहार के लोगों के लिए एक और खुशखबरी है. केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग से मिली लगभग 17 करोड़ से अब जिले पंचायतों में काम शुरू होगा. पंचायतों में छोटी-बड़ी लगभग 600 योजनाओं पर अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से काम शुरू होने की संभावना है. इसमें नाली-गली का निर्माण, पीसीसी सड़क निर्माण, आहर-पइन की उड़ाही सहित अन्य काम पूरे होंगे.राशि मिलने से इन कामों में तेजी आयेगी. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि 15वें वित्त आयोग से मिली राशि से लंबित योजनाएं पूरी होंगी.अनुशंसित योजनाओं को तीन अक्टूबर तक प्रशासनिक स्वीकृति मिलेगी. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद धरातल पर काम दिखना शुरू होगा.
जिला परिषद के सूत्र ने बताया कि सभी सदस्यों से अनुशंसित योजनाएं मिल गयी हैं. योजनाओं को ग्राम स्वराज पोर्टल पर लोड किया जा रहा है. यह काम 28 सितंबर तक होगा. पोर्टल पर लोड होने के बाद सभी योजनाओं को तीन अक्तूबर तक प्रशासनिक स्वीकृति मिल जायेगी. सूत्र ने बताया कि मिलनेवाली राशि से जिला परिषद के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में 38-38 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं. इसलिए सदस्यों के द्वारा निर्धारित राशि के अनुसार ही योजनाएं अनुशंसित की गयी हैं. योजनाओं में चापाकल लगाने से संबंधित योजनाएं भी शामिल हैं.इसके साथ ही नाला का निर्माण, पीसीसी सड़क निर्माण, आहार,पइन, नहरों की उड़ाही, शौचालय का निर्माण सहित अन्य काम होंगे. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार से 15वें वित्त आयोग से मिलनेवाली राशि से टाइड व अनटाइड दो मदों में काम होता है.