बिहार हेल्थ यूनिवर्सिटी अप्रैल से होगा एक्टिव, मेडिकल और नर्सिंग की पढ़ाई में होगा बड़ा बदलाव, जानें पूरी बात
बिहार के चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र के सभी संस्थान पहली अप्रैल से आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से निकल कर नवस्थापित बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के नियंत्रण में चले जायेंगे. इस दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है.
बिहार के चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र के सभी संस्थान पहली अप्रैल से आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से निकल कर नवस्थापित बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के नियंत्रण में चले जायेंगे. इस दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव के सेंथिल कुमार की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह आयोजित बैठक में बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव विमलेश कुमार झा ने प्रस्ताव दिया है कि पहली अप्रैल 2023 से आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, डेंटल कॉलेज, सरकारी नर्सिंग संस्थान, फार्मेसी संस्थान और पारा मेडिकल संस्थानों को बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाये.
सॉफ्टवेयर तैयार करने का निर्देश
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव को बैठक में हरी झंडी दी गयी कि राज्य के चिकित्सा संस्थानों को वे एक अप्रैल 2023 के पूर्व संबद्ध करने के पूर्व सभी आवश्यक तैयारी कर लें. इसमें मानव बल की कमी को पूरा कर लिया जाये, निबंधन और परीक्षा संचालित करने के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर लिया जाये. बैठक में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और स्वास्थ्य विभाग के परीक्षा नियंत्रक शामिल थे.
नर्सिंग, फार्मेसी व पारा मेडिकल संस्थानों पर भी होगा नियंत
इस बैठक में प्राइवेट क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, डेंटल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों, फार्मेसी कॉलेजों और पारा मेडिकल संस्थानों बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता को लेकर चर्चा की गयी. आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में सभी मेडिकल संस्थाओं के नियंत्रण को लेने की पूरी तैयारी कर चुका है. इस बीच सरकार को सिर्फ इस आशय का अधिसूचना जारी करनी है. स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अगस्त 2021 से ही गजट अधिसूचना के साथ प्रभावी हो गया है. मालूम हो कि राज्य में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, 108 एएनएम, जीएनएम व बीएससी नर्सिंग स्कूल और 20 फार्मेसी संस्थान संचालित किये जा रहे हैं. नये विश्वविद्यालय के पूरी तरह से कार्यरत होने के साथ ही राज्य में नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, नर्सिंग स्कूलों, फार्मेसी संस्थानों और पारा मेडिकल संस्थानों की मान्यता देने में आसानी होगी. साथ ही समय पर परीक्षाएं संचालित होंगी, जिससे विद्यार्थियों को लाभ होगा.