बिहार में बिना नक्शा का घर बनाने को लेकर सरकार सख्त होती जा रही है. वहीं, नक्शा बनाने और पास कराने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर अब मुजफ्फरपुर नगर निगम प्रशासन की ओर से नागरिक सुविधाओं से जुड़ी तमाम सुविधाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है. कई चीजों पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड काम कर रहा है. इसी कड़ी में अब नगर निगम में भवनों के नक्शा के समुचित ढंग से निगरानी और जांच के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल को डेवलप किया गया है. नक्शा की निगरानी और जांच ऑटोकैड सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन से होगी.
नगर आयुक्त की ओर से सॉफ्टवेयर खरीदारी को लेकर नगर निगम प्रशासन की ओर से कोटेशन आमंत्रित किया गया है, जिसमें 8 अप्रैल दोपहर 3 बजे तक कोटेशनदाता निगम कार्यालय में जमा कर सकते हैं. प्रशासनिक स्तर पर उसी दिन शाम के 4 बजे संबंधित प्रतिनिधियों के सामने कोटेशन को खोला जायेगा. सॉफ्टवेयर की शर्त में एक वर्ष की वैद्यता रखी गयी है. साथ ही कोटेशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद एक सप्ताह में इंस्टॉलेशन का काम पूरा करना होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि होल्डिंग टैक्स के साथ ही भवनों के नक्शा की प्रक्रिया भी एक महीने के भीतर ऑनलाइन हो जायेगी. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी चल रही है.
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इस व्यवस्था के शुरू होने से ऑनलाइन आवासीय भवनों की ड्राइंग पास होगी. अभी तक यह कार्य मैनुअल तरीके से होता है. लेकिन नगर निगम ऑटोकैड साफ्टवेयर का प्रयोग करने जा रहा है. ऑनलाइन बिल्डिंग एप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) लागू किया जा रहा है. इसके तहत जैसे ही पैनल के आर्किटेक्ट भवन की ड्राइंग बनाकर निर्धारित साफ्टवेयर में अपलोड करेंगे, साफ्टवेयर ऑटोमेटिक नियमों की जांच करेगा कि नक्शा पास होने लायक है या नहीं. इसकी जानकारी देगा. साथ ही ड्राइंग में क्या कमी है, इसके बारे में भी बतायेगा. इस सॉफ्टवेयर के जरिये फर्जीवाड़ा को भी रोका जा सकेगा.
यह एक बेहतर यूजर इंटरफेस प्रदान करता है. ऑटोकैड का इस्तेमाल इंजीनियर ड्राइंग टूल के रूप में भी करते हैं. इससे टू-डी व थ्री-डी ड्राइंग बनाने में मदद मिलती है. ऑटोकैड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सिविल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम में काफी ज्यादा उपयोग लाया जाता है. ऑटोकैड बिल्डिंग डिजाइन सूट ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो बिल्डिंग डिजाइन करने की सुविधा प्रदान करता है. साथ ही इसमें बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग और कई टूल को एक साथ कंबाइन करता है. इससे इंजीनियर को कंस्ट्रक्शन के डिजाइन, विजुलाइज, स्टिम्युलेट और काम करने में काफी आसानी होती है.
रिपोर्ट: ललितांशु, मुजफ्फरपुर