पटना. बिहार में शराबबंदी है. शराब न तो कानूनी तौर पर बनती है और न ही कानूनी तौर पर बिकती है. इसके बावजूद लोग गैर कानूनी तरीके से शराब का सेवन करते हैं. लोग शराब की बोतल में जहर तक पी लेते हैं. कई लोगों की अब तक जहर पीने से मौत हो चुकी है. शराब के नाम पर जहर पीने हुई मौत के बाद मरनेवालों के परिजनों के सामने कई बार जीवन यापन का संकट पैदा हो जाता है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें चार लाख मुआवजा देने की घोषणा की है. अप्रैल में हुई इस घोषणा के बावजूद अब तक किसी को मुआवजा नहीं मिला. इस मामले में बुधवार को मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ेगा.
मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि जिन लोगों का पोस्टमार्टम हुआ है और रिपोर्ट में शराब पीने की बात दर्ज की गयी है, उनके परिजनों को एक सप्ताह के अंदर मुआवजा राशि मुहैया करा दी जायेगी. लेकिन, जिनकी डेड बॉडी बिना पोस्टमार्टम के डिस्पोजल कर दी गयी है, उनके परिजनों को किस आधार पर मुआवजा दिया जाये, यह अब तक तय नहीं हुआ है. ऐसे पीड़ित परिजनों को मुआवजा कब मिलेगा अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन जांच पड़ताल के बाद ही उन्हें मुआवजा देने की अनुमति देगी, लेकिन 17 अप्रैल के बाद केवल उन्हीं लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलेगा, जिनका पोस्टमार्टम हुआ होगा.
मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि अब तक किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है. अभी जांच-पड़ताल ही चल रही है. जिनका पोस्टमार्टम हो चुका है. उनके परिजनों को मुआवजा देने में तो परेशानी नहीं होगी, लेकिन उन लोगों का जिनका पोस्टमार्टम के बिना ही बॉडी डिस्पोजल कर दी गयी है, थोड़ा वक्त लगेगा. उनकी जांच पड़ताल की जा रही है. उनमें थोड़ी परेशानी है. उनके परिजनों को मुआवजा मिलने में समय लग सकता है. उन्हें जिला प्रशासन जांच पड़ताल कर रिपोर्ट सौंपने के बाद मुआवजा दिया जाएगा.