15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार का आइडिया अब पूरे देश भर में होगा लागू, जानें क्या है मुजफ्फरपुर का ‘चाइल्ड बैंक’

बिहार के मुजफ्फरपुर का आइडिया अब पूरे देश भर में लागू होगा. सरकारी स्कूलों से ड्रॉप आउट रोकने के लिए तैयार किया गया यह आइडिया अब केंद्र सरकार को भी भ गया है. मुजफ्फरपुर का ‘चाइल्ड बैंक’ अब देश भर के स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकेगा.

पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर का आइडिया अब पूरे देश भर में लागू होगा. सरकारी स्कूलों से ड्रॉप आउट रोकने के लिए तैयार किया गया यह आइडिया अब केंद्र सरकार को भी भ गया है. मुजफ्फरपुर का ‘चाइल्ड बैंक’ अब देश भर के स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकेगा. मुजफ्फरपुर में शिक्षा विभाग और नीति आयोग की टीम ने ‘चाइल्ड बैंक’ बनाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि मुजफ्फरपुर का यह आइडिया अब बिहार के 13 जिलों समेत देश के 112 जिलों में लागू किया जायेगा. इन तमाम जिलों के सरकारी स्कूलों में 5वीं और 8वीं के बच्चों का ‘चाइल्ड बैंक’ बनेगा.

पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में सबसे कम ट्रांजिशन रेट

बिहार में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बच्चों का अगली कक्षा में जाने का सबसे कम ट्रांजिशन रेट है. फरवरी के अंत तक इन बच्चों का चाइल्ड बैंक बना लेना है, ताकि इन बच्चों को मिडिल व हाई स्कूल में शिफ्ट किया जा सके. जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे और जिसमें आगे नामांकन होंगे, इन दोनों स्कूलों के हेडमास्टर इसका डाटा रखेंगे. मार्च में वार्षिक परीक्षा के बाद इन बच्चों के करीबी स्कूल में नामांकन कराने के साथ ही इस बैंक से मिलान होगा. डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूल पांचवीं व आठवीं के बच्चों का चाइल्ड बैंक बनाकर विभाग को फरवरी के अंत तक सौंपेंगे ताकि मार्च के बाद शुरू होनेवाले नामांकन में इससे मिलान हो सके। इसमें बच्चे का नाम, पता, पिता का नाम समेत सभी जानकारी रहेगी, जिससे उस बच्चे तक हेडमास्टर पहुंच सके.

लगातार कम हो रहे हैं ड्रॉप आउट

मुजफ्फरपुर जिले में पिछले पांच साल में कक्षा 5वीं के बाद स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का आंकड़ा 10-15 हजार के करीब है. वर्ष 20-21 में कक्षा पांच में एक लाख 2 हजार 457 बच्चे थे, जिसमें छठी में 90 हजार 50 बच्चे ही गये इसी तरह वर्ष 19-20 में कक्षा पांच में एक लाख 10 हजार बच्चे थे, जिसमें 91 हजार बच्चे ही छठी में नामांकन लिये. आठवीं के बाद 9वीं में ट्रांजिशन रेट और भी कम है. आठवीं में 95525 बच्चे थे, जबकि 9वीं में 74 हजार बच्चों ने ही नामांकन लिया. पिछले सप्ताह सभी आकांक्षी जिलों के काम की समीक्षा की गई और इसके आधार पर आगे की रणनीति बनी.

एक भी बच्चा छूटा तो दोनों एचएम पर होगी कार्रवाई

नीति आयोग के तहत जिले में काम कर रहे मो अकरम ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बच्चे 5वीं के बाद छठी में जा रहे हैं या नहीं और 8वीं के बाद 9वीं में नामांन ले रहे कि नहीं, इसकी जवाबदेही केवल अभिभावकों की नहीं रहेगी, बल्कि एक बच्चे को लेकर दो स्कूल जवाबदेही उठाएंगे. जिस प्राइमरी स्कूल में बच्चा पढ़ रहा है, उस स्कूल के हेडमास्टर और संबंधित क्षेत्र के मिडिल स्कूल के हेडमास्टर की भी जवाबदेही रहेगी. इसी तरह कक्षा 8वीं से 9वीं में नामांकन को लेकर मिडिल और हाई स्कूल की जवाबदेही रहेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें