बिहार में शराब से जुड़ी पौने दो लाख से अधिक लंबित मामलों की जल्द होगी सुनवाई,सभी जिलों में बनाए गए विशेष कोर्ट
बिहार के विभिन्न न्यायालयों में शराब से जुड़े लंबित मामलों की संख्या एक लाख 80 हजार के आसपास पहुंच गयी है. इसमे सबसे जयादा मामले जिला और अनुमंडल स्तरीय न्यायालयों में लंबित है. विशेष कोर्ट में अब इन मामलों की सुनवाई होगी.
बिहार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद न्यायालयों में लंबित पड़े मामलों की सुनवाई के लिए शनिवार को विशेष कोर्ट का गठन कर दिया. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी 74 कोर्ट में जजों की तैनाती भी कर दी है. पटना में अपर जिला सत्र न्यायाधीश राजीव रंजन कुमार को शराबबंदी के लिए विशेष कोर्ट का जज बनाया गया है.
विभिन्न न्यायालयों में शराब से जुड़े लंबित मामलों की संख्या एक लाख 80 हजार के आसपास पहुंच गयी है. इसमे सबसे जयादा मामले जिला और अनुमंडल स्तरीय न्यायालयों में लंबित है. विशेष कोर्ट में अब इन मामलों की सुनवाई होगी. हाल ही मे शराबबंदी को लेकर सख्त हुई सरकार ने हाइकोर्ट की सहमित मिलने के तत्काल बाद विशेष अदालत के लिए जिलों में कार्यरत अपर जिला सत्र न्यायाधीशों को विशेष जज के तौर पर अधिसूचित किया है.
गौरतलब है कि तेजी से मामलों के बढ़ने के कारण सरकार ने हाइकोर्ट की सहमति से जिलों में कार्यरत 74 अपर जिला एवं सत न्यायाधीशों को उनके ही जिले में शराबबंदी मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष कोर्ट के जज का प्रभार दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक पटना के अपर जिला सत न्यायाधीश राजीव रंजन कुमार को पटना के शराब मामले की सुनवाई करने वाली विशेष कोर्ट के विशेष जज बनाया गया है.
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मुजफ्फपुर में भी हुई तैनाती
मुजफ्फपुर के एडीजे राकेश कुमार को मुजफ्फपुर और यही के दूसरे एडीजे संजय कुमार 3 को भी मुजफ्फपुर, नालंदा के एडीजे प्रभाकर झा को नालंदा बिहार शरीफ और यही के दूसरे एडीजे मनीष कुमार शुक्ला को नालंदा बिहारशरीफ, नवादा के एडीजे प्रमोद कुमार पंकज को नवादा और यही के दूसरे एडीजे अरविंद कुमार सिंह को नवादा के बनाया गया.