पटना. बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने अपने पुलिस अधिकारियों से अपराधियों को दौड़ाने की बात कहते हैं, पर अपराधी ही उनकी पुलिस को दौड़ा रही है और हमले कर रही है. पिछले कुछ दिनों में बिहार में पुलिस पर हमले बढ़े हैं. पिछले 24 घंटे में ही दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गयी है. आये दिन छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमले की खबर आती रहती है.
सख्त हुआ पुलिस प्रशासन
विधि-व्यवस्था या छापेमारी के दौरान पुलिस पर हमले की घटनाओं से अब बिहार पुलिस सख्ती से निबटेगी. बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. इनकी पहचान वीडियो फुटेज, फोटो या गवाहों के माध्यम से की जायेगी.
केरल में सर्वाधिक 265 पुलिसकर्मी कर्तव्य के दौरान हमले में घायल
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में कर्तव्य के दौरान 1341 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इसमें सिर्फ बिहार में 68 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. घायल पुलिसकर्मियों के मामले में बिहार देश के टाप-6 राज्यों में शामिल है. केरल में सर्वाधिक 265 पुलिसकर्मी कर्तव्य के दौरान हमले में घायल हुए. इसके अलावा ओडिसा दूसरे, तमिलनाडु तीसरे, राजस्थान चौथे और जम्मू-कश्मीर पांचवें स्थान पर रहा.
नामजद प्राथमिकी का आदेश
एडीजी (विधि व्यवस्था) संजय कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर उन पर नामजद प्राथमिकी का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी की जा रही है. पिछले साल ऐसे 6459 लोगों को पुलिस ने चिह्नित कर पकड़ा गया. पुलिस कप्तानों को भी छापेमारी के लिए जाते समय पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था करने को कहा गया है.
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अग्निवीर योजना के चलते हुए हंगामों के कारण पिछले साल बढ़े आंकड़े
पुलिस पर हमला बढ़ने के सवाल पर एडीजी ने कहा कि पिछले साल अग्निवीर योजना के विरोध में हुए बवाल के कारण संख्या में वृद्धि हुई है. अग्निवीर योजना के दौरान हुए हमले मामले में ही सिर्फ 169 प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. एडीजी ने माना कि शराब तस्करी पर रोक और अवैध बालू खनन रोकने को लेकर भी पुलिस पर हमले के मामले बढ़े हैं. यह संकेत है कि पुलिस सख्ती से इन मामलों से निबट रही है.