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Bihar: सुलतानपुर में कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या बनी रहस्य, पानी का रिपोर्ट भी चौकाने वाला, जानें मामला

Bihar: सुलतानपुर भिट्ठी के जल जांच की रिपोर्ट स्टेट लोबेरेट्री से आ गयी है. आयरन, नाइट्रेट एवं आर्सेनिक के सत्यापन के लिए नवंबर में सैंपल को स्टेट लेबोरेट्री भेजा गया था. यहां के मुताबिक की वहां की रिपोर्ट है. दोनों जगह की रिपोर्ट में असमानता नहीं है. एक-दूसरे से टैली कर गया है.

Bihar: सुलतानपुर भिट्ठी के जल जांच की रिपोर्ट स्टेट लोबेरेट्री से आ गयी है. आयरन, नाइट्रेट एवं आर्सेनिक के सत्यापन के लिए नवंबर में सैंपल को स्टेट लेबोरेट्री भेजा गया था. यहां के मुताबिक की वहां की रिपोर्ट है. दोनों जगह की रिपोर्ट में असमानता नहीं है. एक-दूसरे से टैली कर गया है. रसायनज्ञ के अनुसार पीएचइडी की क्षेत्रीय जल जांच प्रयोगशाला, भागलपुर में पानी के 14 पैरामीटर की जांच की गयी थी. इसमें आयरन, नाइट्रेट एवं आर्सेनिक की रिपोर्ट पर आशंका बनी थी, जिसका सत्यापन करना जरूरी था. उसी सैंपल को स्टेट लेबोरेट्री भेजा गया था. स्टेट लेबोरेट्री में भी आर्सेनिक परमीसिबल लिमिट के अंदर मिला है. आयरन व नाइट्रेट की रिपोर्ट भी टैली कर गया है. सुलतानपुर भिट्ठी में लगाये गये जांच शिविर की रिपोर्ट में चार ऑरल, एक सर्वाइकल और तीन चेस्ट कैंसर के संदिग्ध मरीज मिले है. इससे ग्रामीणों में दहशत है.

कैंसर का कारक मान आर्सेनिक की करायी गयी थी जांच

कैंसर का एक कारक पानी में आर्सेनिक हो सकता है. इस कारण रिपोर्ट की सत्यता की जांच स्टेट लेबोरेट्री में करायी गयी थी. हालांकि, 14 पैरामीटर पर हुई सैंपल की जांच में आर्सेनिक परमीसिबल लिमिट के अंदर है. इसका सत्यापन स्टेट लेबोरेट्री में हो गया है. स्टेट लेबोरेट्री की जांच रिपोर्ट आ गयी है और यह भी क्लियर हो गया कि आर्सेनिक परमीसिबल लिमिट के अंदर है.

फ्लोराइड की मात्रा परमीसिबल लिमिट से ज्यादा मिला है मगर, इस पर कार्रवाई नहीं

क्षेत्रीय जल जांच प्रयोगशाला, भागलपुर में जिस 14 पैरामीटर पर गांव पानी के सैंपल की जांच हुई है, उसकी रिपोर्ट में फ्लोराइड की मात्रा परमीसिबल लिमिट से ज्यादा है. बावजूद इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. अधिक फ्लोराइड गर्दन, पीठ, कंधे व घुटनों के जोड़ों व हड्डियों को प्रभावित करता है. स्मरण शक्ति कमजोर भी हो सकता है.

अब तक छूटे घरों में पानी नहीं पहुंचा

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर का दावा था कि सुलतानपुर भिट्ठी में सर्वे कराया जायेगा. छूटे हुए घरों तक पीने का पानी पहुंचायी जायेगी. यह दावा हवा-हवाई साबित हुआ है. दरअसल, अक्तूबर से अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. पीएचइडी विभाग की न तो कोई टीम गांव पहुंची और न छूटे हुए घरों का सर्वे कराया गया है. पानी पहुंचाने का काम हर घर नल जल योजना से हाेना है. दरअसल, सुलतानपुर भिट्ठी में हर घर नल जल से पानी सप्लाइ हो रही है. इसके अलावा चापाकल भी है. जलापूर्ति में कोई कमी नहीं है. जबकि ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड चार से आठ तक में नल जल योजना की पांच बोरिंग है. जमीन ऊंची होने से लगभग 150 परिवारों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. यानी, जल संकट की समस्या है. जिन परिवारों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, वह बेहद परेशान हैं.

पीएचइडी के मोबाइल वैन लैब की सुविधा अब तक बहाल नहीं

पीएचइडी के मोबाइल वैन लैब की सुविधा अबतक बहाल नहीं हो सकी है. पंचायत स्तर पर पानी की शुद्धता जांचने के लिए मोबाइल वैन लैब अहम है मगर, यह कई महीनों से बंद है. जिस एजेंसी को कांट्रैक्ट दिया गया था, उसका एग्रीमेंट पूरा हो गया है. कांट्रैक्टर ने मोबाइल वैन लैब विभाग को हैंड ओवर कर दिया है. मोबाइल वैन लैब चलाने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न गांवों में जाकर पानी के सैंपल टेस्ट करना है. फिलहाल, जबतक इसका टेंडर नहीं होता है, तबतक वाटर टेस्ट ऑन स्पॉट न होकर प्रयोगशाला में किया जा रहा है.

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