पटना. बिहार के लिए एक बड़ी सुखद खबर है. झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में खनिज खदानों के नाम पर कुछ नहीं बचा था. ऐसे में अब यह सुखद खबर है कि गया में पातालगंगा, रोहतास जिले के कुछ हिस्सों और जमुई जिले के मजोस के पास अन्वेषण में लाखों टन खनिज भंडार की मौजूदगी का पता चला है. बिहार के विभिन्न गैर-वन क्षेत्रों में मिले चूना पत्थर, वैनेडियम युक्त मैग्नेटाइट इल्मेनाइट, मैग्नेटाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की अब नीलामी प्रक्रिया चल रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं खान संबंधी मामलों की आयुक्त हरजोत कौर ने बताया कि राज्य सरकार नीलामी के लिए लेन-देन सलाहकार के रूप में एसबीआई कैपिटल मार्केट्स के साथ काम करेगी और उन नियमों तथा शर्तों का भी सुझाव देगी, जिनके आधार पर नीलामी की जा सकती है. निस्संदेह, राज्य के गैर-वन क्षेत्रों में ऐसे महत्वपूर्ण खनिजों की खोज अत्यंत महत्वपूर्ण है. हमें अन्वेषण गतिविधियों को शुरू करने से पहले संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये भंडार वन क्षेत्रों में नहीं हैं.
हरजोत कौर ने आगे बताया कि इसके अलावा, खान एवं भूविज्ञान विभाग ने जमुई जिले में 6,000 करोड़ रुपये के लौह अयस्क की नीलामी करने का फैसला भी किया है. इस संबंध में वैसे 2021 में केंद्रीय खान, कोयला एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि राष्ट्रीय खनिज सूची के अनुसार, देश में अप्रैल 2015 तक प्राथमिक स्वर्ण अयस्क का कुल 501.83 मिलियन टन संसाधन होने का अनुमान है, जिसमें 654.74 टन स्वर्ण धातु है और इसमें से बिहार 37.6 टन धातु युक्त अयस्क सहित 222.885 मिलियन टन स्वर्ण धातु (44 प्रतिशत) से संपन्न है. बिहार में स्वर्ण अयस्क का संपूर्ण संसाधन जमुई जिले के सोनो क्षेत्र में स्थित है.