Bihar: इंतजार हुआ खत्म, बिहार को मिलने जा पहला एक्सप्रेस-वे, जोड़ेगा 7 जिला और 19 शहर
Bihar: अब वो दिन दूर नहीं जब बिहार को उसका पहला एक्सप्रेस-वे मिलेगा. राज्य के पहले एक्सप्रेस-वे का नाम आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे है. ये बिहार के 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा.
Bihar: अपनी विरासत और संस्कृति से भरपूर बिहार आजादी के 75 साल बाद अब पूरी तरह से विकास की दौड़ में शामिल हो चुका है. चाहे देश का पहला ग्लास ब्रिज हो या नालंदा के राजगीर में बन रहा खेल परिसर, सभी बिहार की प्रगति का उदाहरण है. कभी अपनी सड़कों के लिए पूरे देश में बदनाम बिहार अब देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा नेशनल हाईवे होने के साथ ही पक्की सड़क है. हालांकि बिहार के पास अब तक अपना एक भी एक्सप्रेस-वे नहीं है. लेकिन सूबे की नीतीश सरकार लोगों के इस सपने को पूरा करने में जुट गई है और जल्द ही लोगों के एक्सप्रेस-वे का इंतजार खत्म होने जा रहा है.
7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे
अब वो दिन दूर नहीं जब बिहार को उसका पहला एक्सप्रेस-वे मिलेगा. राज्य के पहले एक्सप्रेसवे का नाम आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे है. ये बिहार के 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा. आमस दरभंगा एक्सप्रेस-वे कुल 189 किलोमीटर लंबा होगा. जो कि भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जाएगा और इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाएगा.
गया के आमस से शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
अधिकारियों ने बताया कि यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-कोलकाता NH-19 पर रणनीतिक रूप से स्थित आमस,रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर, दभैच, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) को जोड़ते हुए NH-27 से मिल जाएगा. यह छह लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने के साथ ही उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बढ़ेगा. इसके साथ ही यह यात्रा के समय को लगभग चार घंटे तक कम कर देगा.
2025 तक हो जाएगा तैयार
आमस एक्सप्रेसवे के लिए 56 गांवों में लगभग 1300 एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है. सरकार की ओर से आमस एक्सप्रेस-वे बनाने का लक्ष्य 2024 तक ही रखा गया है. आमस दरभंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सफलता भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण संबंधी विचार और वित्तपोषण संबंधी बाधाओं जैसी विभिन्न चुनौतियों के समाधान पर डिपेंड करती है पर इसे लेकर सरकार संजीदा है पर काम की गति को देखते हुए माना जा रहा है कि ये 2025 तक तैयार हो जाएगा.
इसे भी पढ़ें: Muzaffarpur: मंदिर की जमीन पर मुस्लिम ने किया कब्जा, पुजारी पर लगा मदद का आरोप