पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में इथेनाॅल उत्पादन से संबंधित इंडस्ट्रीज स्थापित होने से औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और राेजगार के अवसर पैदा होंगे. उन्होंने उद्योग विभाग को ओड़िशा में बंदरगाह स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि ओड़िशा में बंदरगाह के निर्माण से बिहार को भविष्य में काफी फायदा होगा.
मंगलवार की शाम सीएम के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में उद्योग विभाग ने प्रस्तावित इथेनाॅल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया. बैठक में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन भी मौजूद थे.
विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने प्रेजेंटेशन में राज्य में इथेनाॅल उत्पादन की संभावनाओं और इथेनाॅल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तैयार किये गये प्रस्ताव के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 2006 से ही काफी प्रयास किये गये हैं.
2006-07 में हमलोगों के प्रस्ताव को उस समय की केंद्र सरकार ने अगर मान लिया होता तो बिहार में उद्योग की कुछ और ही स्थिति होती. अब केंद्र सरकार ने इथेनाॅल उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. इसका लाभ अब राज्य को मिलेगा और भविष्य में बिहार को काफी फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 में कई चीजों का प्रावधान किया गया है, जिससे निवेशकों को सहूलियत होगी. राज्य में फूड प्रोसेसिंग, वुड इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर इंडस्ट्री, कपड़ा उद्योग में काफी संभावनाएं हैं, जिस पर काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गन्ना और मक्का से इथेनाल के उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इथेनाॅल उत्पादन में नये निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रस्ताव को तेजी से अंतिम रूप दिया जाये. उन्होंने इस नीति के अंतर्गत केवल ईंधन ग्रेड इथेनाॅल बनाने वाली वैसी इकाइयों को ही शामिल करने का निर्देश दिया, जिसमें उत्पादित 100% इथेनाॅल ऑयल कंपनी को देना सुनिश्चित हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बाहर से आये बिहार के श्रमिक गारमेंट्स निर्माण आदि का अच्छा काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए भी उद्योग विभाग समुचित कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण के अनुकूल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग तेजी से काम करे.
बैठक में गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, गृह सह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, गन्ना उद्योग विभाग की प्रधान सचिव एन विजयालक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा व अनुपम कुमार उपस्थित थे.
Posted by Ashish Jha