बिहार में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना 2007 में शुरू किया गया. योजन का उदेश्य है कि गरीब परिवार को विवाह के समय आर्थिक सहायता मिल सकें. विवाह के निबंधन को प्रोत्साहित करना, कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करना एवं बाल विवाह को रोकना है. 2012 से अब तक कुल 14,88,326 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा चुका है. जिसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 में अबतक 1,28,910 लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया है. कुल चौसठ करोड़ पैतालीस लाख पचास हजार व्यय किया गया है.
नियम में यह किया गया बदलाव
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक इस योजना में प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवंटन दिया जाता था. प्रखंड स्तर से ही लाभुकों को भुगतान किया जाता था, लेकिन 2012 से इस योजना में आवेदन आरटीपीएस के माध्यम से लिया जाने लगा. लेकिन भुगतान में देरी एवं भुगतान से संबंधित अन्य समस्याओं को देखते हुए 2019 से योजना को इ-सुविधा पोर्टल पर डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाता है. कोरोना के कारण इ-पोर्टल पर अपलोड करने में देर हुई है. ऐसे में आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त आवेदन को प्रखंड स्तर से इ-सुविधा पोर्टल पर अपलोड करा कर स्वीकृत किया जा रहा है. ताकि लाभुकों को इसका लाभ नियमित मिलता रहें.
जिलों में चलेगा अभियान
समाज कलयाण विभाग ने जिलों में तैनात अधिकारियों को दहेज मुक्त विवाह को लेकर दोबारा अभियान चलाने का दिशा-निर्देश दिया है. ताकि इस कुप्रथा को जड़ से खत्म किया जा सकें. राज्य सरकार के दहेज मुक्त अभियान के कारण काफी हह तक दहेज लेने और देने पर अंकुश लगा है.लेकिन विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि इस दिशा में नियमित अभियान चलाया जाये.
योजना के लिए पात्रता
– कन्या के माता या पिता बिहार के निवासी हो
– विवाह के समय लड़की की उम्र 18 और लड़के की 21 रहे, विवाह 22 नवंबर 2007 के बाद हुआ हो.
– विवाह का निबंधन रहे.
लाभ लेने के लिए यह कागजात जरूरी
– अंचल पदाधिकारी द्वारा निर्गत 60 हजार से कम अथवा गरीबी रेखा बीपीएल की प्रकाशित सूची
– आवास, पासपोर्ट या भूमि से संबंधित प्रमाण पत्र