Bihar News: पटना सरकारी भवनों में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सोलर प्लांट लगाये जायेंगे. ये प्लांट ग्रिड से जुड़े रहेंगे जिससे इन प्लांट से उत्पादित बिजली का उपयोग संबंधित भवन में करने के बाद बची हुई बिजली की आपूर्ति ग्रिड के माध्यम से बिजली कंपनी को की जायेगी. इससे होने वाली आय से संबंधित भवन और विभाग को राजस्व लाभ होगा. बिहार विद्युत विनियामक आयोग के नियमों के अनुसार संबंधित भवन में बिजली की स्वीकृत खपत के बराबर क्षमता के सोलर प्लांट लगाये जा सकते हैं. इसकी शुरुआत इसी साल के अंत तक ब्रेडा के माध्यम से होने की संभावना है.
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 29 जून 2021 को एक बैठक में सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट लगाने के संबंध में योजना बनाने और कार्रवाई का निर्देश संबंधित विभागों को दिया गया था. ऊर्जा विभाग के सचिव ने एक सितंबर को भवन निर्माण विभाग से सरकारी भवनों की सूची मांगी थी. इस आधार पर भवन निर्माण विभाग ने अपने सभी मुख्य अभियंताओं सहित अधीक्षण और कार्यपालक अभियंताओं से ऐसे भवनों की सूची उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है.
यह सूची अगले महीने ऊर्जा विभाग को उपलब्ध करवाने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार जिन सरकारी भवनों के छत का क्षेत्रफल करीब 10 वर्गमीटर हो और वहां छाया नहीं आता हो, वैसे भवनों को प्राथमिकता के आधार पर इस योजना में शामिल किया जायेगा. उसके बाद कम क्षेत्रफल वाले भवनों के छतों पर भी सोलर प्लांट लगाये जायेंगे.
बड़े सरकारी भवनों का बिजली बिल हजारों रुपये में आता है. ऐसे भवनों में सोलर प्लांट लगने से बिजली बिल की बचत होगी. इसके साथ ही जल-जीवन-हरियाली अभियान के उद्देश्यों के अनुसार हजारों वाट प्रतिदिनaपारंपरिक ऊर्जा की बचत होने से पर्यावरण की सुरक्षा होगी. साथ ही इन सोलर प्लांट से खपत से अधिक बिजली उत्पादन से उसे बिजली कंपनी को बेचा जा सकेगा, जिससे संबंधित भवन और विभाग को आमदनी हो सकेगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha