Explainer: बिहार ने रोड मैप बनाकर कैसे बदली किसानों की तकदीर? चौथे कृषि रोड मैप की खास बातें जानिए..
बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च किया गया. बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में इसे लॉन्च किया. इस दौरान बिहार में कृषि रोड मैप की सफलता और चौथे रोड मैप की अहमियत के बारे में बताया गया. जानिए क्या है इसके फायदे..
Agriculture Road Map Of Bihar: बिहार का चौथा कृषि रोड मैप (krishi road map bihar) लॉन्च कर दिया गया है. यह एक लाख हजार करोड़ रुपए से अधिक का है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को इसे लॉन्च किया. इस अवसर पर पटना के बापू सभागार में राज्य भर से किसान व जीविका दीदी पहुंचे थे जिन्हें इसकी अहमतियत भी बतायी गयी. यह रोड मैप वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए होगा. पटना के कार्यक्रम में सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार का चौथा कृषि रोड मैप किस कदर सबसे लाभकारी सिद्द होगा और इसके बाद क्या पांचवे रोड मैप की भी जरुरत पड़ेगी?, इसपर नीतीश कुमार ने भी बड़ा दावा किया. बिहार के चौथे कृषि रोड मैप में क्या खास है और किसानों को इसका क्या फायदा मिलेगा, जानिए…
बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च
बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च कर दिया गया. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया है कि इस रोड मैप के तहत काम अगर अच्छे से होता है तो किसानों की आमदनी और बढ़ेगी. सीएम ने कहा कि चौथे रोड मैप को अच्छे से बनाया गया और इसमें सभी बातों का ध्यान रखा गया है. यह बहुत व्यापक है. इससे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ेगी. वहीं इस रोडमैप की खासियत क्या होगी इसपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्य में धान, गेहूं और मक्का की उत्पादकता लगभग दोगुनी हुई है और ये पिछले तीन कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन की वजह से हुआ है. बिहार मशरूम, शहद, मखाना और मछली उत्पादन में आगे है. उन्होंने कहा कि अब चौथा कृषि रोड मैप इसे और आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. आगामी पांच वर्षों में फसलों के विविधिकरण, बेहतर सिंचाई सुविधा, भूमि और जल संरक्षण, जलवायु अनुकूल कृषि, जैसे विषयों पर बल दिया जायेगा.
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कृषि रोडमैप बनाकर विकास कर रहा बिहार
बिहार कृषि रोडमैप बनाकर विकास कर रहा है. ये बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के चौथे कृषि रोड मैप को लॉन्च करने के बाद कही. सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि वर्ष 2011-12 में नालंदा के एक किसान ने धान के उत्पादन में प्रति हेक्टेयर की उपज में कीर्तिमान बनाकर चीन को पीछे छोड़ दिया. आलू के उत्पादन में भी नालंदा के एक गांव ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. सीएम ने बताया कि 2012 से 2017 के बीच दूसरे रोडमैप में कई अहम काम हुए और इसमें फल, दूध, सब्जी, अंडा और मछली का उत्पादन बढ़ा. बताया गया कि तीसरे रोडमैप का कार्यकाल 2017 से 2022 तक था लेकिन इसमें एक साल की बढ़ोतरी की गयी थी. अब 2024 के रोडमैप पर काम होगा. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पांचवें कृषि रोड मैप की अब जरुरत नहीं पड़ेगी.
चौथे कृषि रोड मैप में क्या होगा..?
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दहलनी और तेहलनी फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा. पेस्टीसाइड का कम से कम इस्तेमाल होता और सेहतमंद अनाज उगाने पर जोर दिया जाएगा.
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मिट्टी और जल के संरक्षण पर रिसर्च के लिए गया में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा. मौसम के अनुकुल खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.
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तालाब और चेकडेम बनाने का टारगेट रखा गया है ताकि हर खेत तक पानी पहुंच सके.
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बंजर भूमि को भी उपयोग में लाया जाएगा. इसमें लेमनग्रास और मेंथा की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.
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100 सीड हब और 20 मिलेट हब बनाया जाएाग.
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मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन बनाकर कार्यक्रम चलाया जाएगा.
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पुआल प्रबंधन औश्र कृषि उत्पाद को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सेकेंडरी एग्रीकल्चर कॉलेज खुलेंगे.
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भागलपुर के सबौर में सेकेंडरी एग्रीकल्चर कॉलेज खुलेगा. यहां पीजी स्तर की पढ़ाई मिलेगी और डिग्री एमटेक की दी जाएगी.
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पौधा संरक्षण केंद्रों का परिचालन होगा, जो पीपीपी मोड में रहेगा. इस क्षेत्र में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
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4.80 लाख पंप सेट को फ्री बिजली कनेक्शन मिलेगा.
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कृषि फीडर में 31078 ट्रांसफाॅर्मर का वितरण किया जायेगा.
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राज्य की सभी 54 बाजार समितियां और ग्रामीण हाट आधुनिक होंगे.
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कृषि विपणन निदेशालय की स्थापना होगी.
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534 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट संचालित होंगे.
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101 पशु अस्पताल खुलेंगे.
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गोपालगंज में नया डेयरी संयंत्र खुलेगा.
बिहार में कृषि रोड मैप का इतिहास…
गौरतलब है कि जब तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में बिहार आए थे तो उन्होंने कृषि के भविष्य और इसमें बिहार के लोगों की भविष्य को लेकर उन्होंने कई अहम बातें कही थीं. कृषि को लेकर उन्होंने तब बड़े-बड़े सुझाव दिए थे. वहीं सीएम नीतीश कुमार मजबूती से इस रोड मैप को लेकर चर्चे में रहे. बिहार सरकार ने रोड मैप बनाकर कृषि के क्षेत्र में उन्नति हासिल की. वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप को लाया गया था. वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीसरे रोड मैप की शुरुआत की थी. दूसरे रोड मैप की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शुरुआत की थी. पहले रोड मैप में किसानों की आया बढ़ाने के लक्ष्य को रखा गया. हर भारतीय की थाली में ‘बिहारी व्यंजन’ परोसने की तैयारी पर काम हुआ. बीज उत्पादन के साथ ही किसानों की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया गया. चावल के उत्पादन में बिहार बेहद सफल रहा था. दूसरे कृषि रोडमैप में बिहार काफी सफल रहा था. कृषि कर्मण अवार्ड भी बिहार के पास दिखा. तीसरे कृषि रोड मैप पर ऑर्गेकिन खेती पर जोर दिया गया. अब चौथे कृषि रोड मैप के जरिए खेती को टेक्नॉलाजी से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.