बिहार: कुढ़नी से JDU के मनोज कुशवाहा होंगे महागठबंधन के उम्मीदवार, क्या है मुकेश सहनी का प्लान
2005 से लेकर 2015 तक मनोज कुशवाहा कुढ़नी सीट से विधायक रह चुके हैं. 2020 में सीट एनडीए कोटे से बीजेपी के खाते में चली गई थी. दरअसल, 2015 में बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 के चुनाव में उनकी हार हो गई. इस सीट पर राजद के अनिल कुमार सहनी से वे 712 मतों से हार गए थे.
बिहार विधानसभा की कुढ़नी (Kudhni assembly by-election)सीट पर होने वाले उपचुनाव में जदयू मनोज कुशवाहा महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी हो सकते हैं. इसपर आम सहमति बन गई है. सूत्रों का कहना है कि सिर्फ अब इसपर मुहर लगनी बाकी है. बताते चलें कि यह सीट पिछले चुनाव के आधार पर राजद के पास थी. लेकिन, अब यह सीट जदयू के कोटे में आ गई है.इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में वहां से जदयू चुनाव लड़ेगी.इधर, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी इस सीट पर अपनी भी दावेदारी पेश कर चुके हैं. जदयू नेता मनोज कुशवाहा के नाम सामने आने के बाद इसकी चर्चा तेज हो गई है कि मुकेश सहनी अब क्या करेंगे.
पांच दिसंबर को होगा मतदान
राजद के अनिल सहनी के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यह सीट खाली हुई है.सांसद रहते हुए फर्जी यात्रा भत्ता के मामले में उनको सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पाया था. इसके बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी.पांच दिसंबर को कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए मत डाले जाएंगे.
2005 से लेकर 2015 तक मनोज कुशवाहा कुढ़नी सीट से विधायक रह चुके हैं.2020 में सीट एनडीए कोटे से बीजेपी के खाते में चली गई थी.दरअसल, 2015 में बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 के चुनाव में उनकी हार हो गई. इस सीट पर राजद के अनिल कुमार सहनी से वे 712 मतों से हार गए थे. वर्ष 2020 में कुढ़नी से बीजेपी उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की वजह से मनोज कुशवाहा को मुजफ्फरपुर की मीनापुर से टिकट दिया गया था. लेकिन, वहां पर इनके नाम पर विरोध होने पर उन्होंने अपना सिंबल लौटा दिया था.
क्या है मुकेश सहनी का प्लान
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने बिहार विधानसभा की कुढ़नी सीट पर चुनाव की घोषणा होने के साथ ही अपना दावा पेश कर दिया था. सहनी को उम्मीद था कि महागठबंधन का उनको समर्थन मिलेगा. लेकिन, महागठबंधन में मनोज कुशवाहा के नाम पर आम सहमति बनने के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि मुकेश सहनी अब क्या करेंगे?