बिहार में इन दिनों भूमि सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है. लोग अपनी जमीन को अपने नाम कराने और उसके ठीक सर्वे के लिए लगातार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में कई लोग ऐसे भी है जिनकी पुश्तैनी जमीन की जमाबंदी उनके पास नहीं है. ऐसे में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आपकी मुश्किल चुटकियों में हल हो जाएगी.
बस करना होगा ये काम और आपके नाम हो जाएगी जमाबंदी
नालंदा के करायपरसुराय मुख्यालय के मैदान में जनसंवाद कार्यक्रम में एसडीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि अगर आपके नाम से पुश्तैनी जमीन की जमाबंदी नहीं है, तब भी वह जमीन आपकी ही रहेगी. इसके लिए आपको सिर्फ अपने हिस्से की जमीन का पूरा ब्योरा अपने शिविर में जाकर आवेदन के साथ दें. इसके साथ ही स्वघोषणा पत्र में वंशावली, बंटवारा व अन्य कागजात भी पेश करें. भू-सर्वेक्षण के कर्मी आपके आवेदन पर उस जमीन का भौतिक सत्यापन करेंगे. इसमें विवाद नहीं रहने पर उस जमीन की जमाबंदी आपके नाम से कायम कर दी जाएगी.
भूसर्वेक्षण शिविर में जाकर प्राप्त करें जानकारी
एसडीओ प्रवीण कुमार ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि अगर रैयतों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो तो वह सीधे अपने सम्बन्धित कर्मचारी या भूसर्वेक्षण शिविर में जाकर जानकारी और मदद ले. भूमि संबंधित अपनी गड़बड़ियों के सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें. सरकार के पास हर प्लॉट का पूरा ब्योरा उपलब्ध है. पूरी जमीन की जानकारी ऑनलाइन हो चुकी है. इसे आप अपने मोबाइल पर भी देख सकते हैं.
आवेदन देने के बाद अवश्य लें प्राप्ति रसीद
शिविर में अपना आवेदन जमा करने के बाद उसकी प्राप्ति रसीद अवश्य अपने पास सुरक्षित रखें. ताकि, आगे आप उसके आधार पर अपनी बातों को रख सकें. अपने जमीन का खाता, खसरा व रकबा को अच्छी तरह से भरें. साथ ही खेत की चौहद्दी को अच्छी तरह से भरें. उसी के आधार पर भूसर्वेक्षण कर्मी खेतों पर जाकर उसका सत्यापन करेंगे. इसकी वे पूरी रिपोर्ट कलमबद्ध करेंगे. इसे याद्दाश्त के दौरान सबके सामने रखा जाएगा. वहां से सत्यापन होने के बाद आगे की प्रक्रिया होगी. बाद में अगर सर्वे में किसी तरह की गड़बड़ी रहती है, तो उसे सुधारने का भी मौका मिलेगा. रैयत साक्ष्य के साथ अपनी बातों को शिविर में जाकर बताएंगे. उसके आधार पर उसे सुधार दिया जाएगा.
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