बिहार: पुश्तैनी जमीन के बंटवारे में बेटों के साथ बेटियों को भी मिलेगा बराबर हिस्सा, खतियान में बेटियों का भी नाम होगा दर्ज…
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया चल रही है. इसमें घर की बेटियों के लिए एक खुशखबरी है. अगर कोई पैतृक या पुश्तैनी जमीन है, उसका बंटवारा होगा तो उसमें बेटों के साथ बेटियों को भी बराबर का हिस्सेदार माना जाएगा.
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया चल रही है. इसमें घर की बेटियों के लिए एक खुशखबरी है. अगर कोई पैतृक या पुश्तैनी जमीन है, उसका बंटवारा होगा तो उसमें बेटों के साथ बेटियों को भी बराबर का हिस्सेदार माना जाएगा. बता दें कि खातियान में बहन और बेटियों का भी नाम अनिवार्य रूप से दर्ज कराना होगा.
जानकारी के मुताबिक साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला जिसके के तहत हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 6 में संशोधन कर पैतृक संपत्ति में पुत्री को पुत्र के बराबर हक दिया गया था. इसी को आधार मानकर बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण में बेटियों के अधिकार को सुनिश्चित किया है.
जमीन मालिकों को जागरूक करने के लिए शिविर का हो रहा आयोजन
गौरतलब है कि बिहार के सभी जिलों के गांव में जमीन सर्वे और जमीन मालिकों को जागरूक करने के लिए ग्राम सभा एवं शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में सारण जिले के जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार ने सदर प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में बैठक की. इसी दौरान उन्होंने बताया कि जमीन खतियान में बेटियों का नाम दर्ज कराना अनिवार्य है. बिहार सरकार ने विशेष सर्वेक्षण में बेटियों को बराबर का हिस्सेदार माना है और खतियान में नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया है.
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क्या है हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा छः में संशोधन कर पैतृक संपत्ति में बेटी को बेटे के बराबर हक दिया गया है. इसी को केंद्र मानकर बिहार सरकार भूमि सर्वेक्षण (Land Survey) में बेटियों के अधिकार को सुनिश्चित किया है. बता दें कि खतियान में अब बेटों के साथ-साथ बेटियों का नाम भी दर्ज किया जाएगा. इसको लेकर बिहार सरकार के राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.
कब नहीं लागू होगा यह नियम ?
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूर्व जमीन के अंतिम बंटवारे पर भी नियम जारी कर दिया गया है. बता दें कि यह कानून 20 दिसंबर 2004 के बंटवारे पर प्रभावी नहीं होगा. हालांकि, अंतिम बंटवारा इस अवधि से पूर्व नियमत: सरकारी खतियान में वैध नहीं हुआ है, तब उस मामले में भी बहनों की रजामंदी के बिना पैतृक संपत्ति पर केवल भाई का अधिकार नहीं रहेग
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