Bihar Land Survey: बिहार में आजकल जमीन सर्वे का काम चल रहा है. राज्य के 45 हजार गांवों में विशेष भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है. इस सर्वे में खतियान, लगान रसीद, जमीन रजिस्ट्री दस्तावेज के साथ वंशावली देना आनिवार्य है. वंशावली को लेकर लोगों के बीच भारी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. सब किसी के दिमाग में यही चल रहा है क्या यह देना है? देना भी है तो कैसे देना है.
बता दें कि भूमि बंदोबस्त पदाधिकारी ने इस कन्फ्यूजन को दूर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि सर्वे कार्य को लेकर रैयतों को वंशावली के लिए किसी कर्मचारी के हस्ताक्षर या शपथ पत्र की जरूरत नहीं है. प्रमाण पत्र या शपथ पत्र की जगह रैयतों को फॉर्म तीन (क) में अपने वंशावली का खुद जिक्र करना है. इसका सत्यापन बंदोबस्त कार्य के कर्मचारी हीं करेंगे. वंशावली के लिए किसी प्रमाण पत्र या शपथ पत्र की जरूरत नहीं है. किसी से हस्ताक्षर कराने की भी जरूरत नहीं है.
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जमीन सर्वे में वंशावली का जिक्र किस फॉर्म में करें?
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा इस विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. दिशा निर्देश में बताया गया है कि पहले के खतियान में दर्ज नाम के आगे वंशावली का जिक्र फॉर्म तीन (क) में किया जाना है. रैयत इस फॉर्म को भरकर जमा कर देंगे. इसके सत्यापन का काम बंदोबस्त के कार्य में लगे कर्मचारी खुद करेंगे.
वंशावली सत्यता के लिए शपथ पत्र की जरूरत है या नहीं?
इसके अलावा वंशावली के सत्यता के लिए किसी भी प्रकार की शपथ पत्र की जरूरत नहीं है. वहीं, विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सर्वेक्षण के लिए खतियान की मूल प्रतिलिपि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है. रैयत सिर्फ अपने स्वामित्व वाली जमीन का जिक्र करें.
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