Bihar Land Survey: जमीन का कागजात नहीं रहने पर क्या होगा? सर्वें में वंशावली क्यों जरूरी, घर बैठे जानें A टू Z सबकुछ

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे शुरू हो चुका है, लोग बहुत ही परेशान नजर आ रहे है. जमीन सर्वे के लिए जरूरी कागजात इकट्ठा करने के लिए लोग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जारी पंजी-2 की रिपोर्ट भी ऑनलाइन देखना चाहते हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए इससे संबंधित लिंक खुलने में भी परेशानी हो रही है. वहीं कुछ लोग वंशावली बनवाने के लिए इधर से उधर दौड़भाग कर रहे है.

By Radheshyam Kushwaha | September 7, 2024 4:23 PM

Bihar Land Survey: बिहार में आम लोगों की परेशानी को समझते हुए प्रभात खबर ने जमीन सर्वे से जुड़े कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी जुटाई है. जमीन सर्वे के लिए किसी को भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है. आपको खुद से अपनी वंशावली बनानी है. जमीन के दस्तावेज के साथ खुद घोषणा करनी है. बता दें कि सर्वे अधिकारी आपके गांव में जाकर दस्तावेज की जांच करेंगे. इसके बाद जमीन के दस्तावेज और दखल-कब्जा के आधार पर नया खतियान बनाएंगे. किसी को भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है और न ही परेशान होने की जरूरत है. अपने जमीन के मालिकाना हक से संबंधित जो कागजात है, उसको जमा कर पपत्र-2 में स्व-घोषणा करें. पपत्र-3 में वंशावली का स्व-घोषणा करनी है. आपके भूमि को सर्वे अधिकारी जांच करेंगे. जांच के दौरान सही पाए जाने वाले लोगों का नया खतियान बनाएंगे.

आवेदन कैसे देना है? Bihar Land Survey Online Application

आवेदन पपत्र-2 और पपत्र-3 में देनी है. इसको स्व-घोषणा कहा जा रहा है. पपत्र-2 में जमीन का दावा और पपत्र-3 में पारिवारिक सूची भरकर देना है। कौन जमीन सरकारी है. गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ खास बिहार सरकार की जमीन है. वहीं कैसर ए हिंद जमीन केंद्र सरकार की है. इस जमीन का खतियान सरकारी है.

जमीन सर्वे में वंशावली क्यों जरूरी Vanshavali Kaise Banaye in Bihar Online

वंशावली को पारिवारिक सूची कहते हैं. इसकी जरूरत नाम ट्रांसफर के लिए है. इसको खुद बनाकर देनी है. सर्वे अधिकारी गांव में जाकर जांच करेंगे. वंशावली प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, आपको राजस्व विभाग या तहसीलदार को निम्नलिखित विवरण प्रदान करने होंगे. जिसमें आपका पूरा नाम. परिवार के सभी सदस्यों (जीवित और मृत) के नाम और जन्म तिथियां. इसके साथ ही परिवार के प्रत्येक सदस्य का परिवार के मुखिया से संबंध (यदि मृत हो)

वंशावली कैसे बनाया जाता है? Vanshavali Kaise Banaya Jata hai

वंशावली प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आपको अपने ग्राम पंचायत में चले जाना है और अपने ग्राम पंचायत सरपंच से बात करनी है, जब उनसे बात करते हो और वंशावली प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बोलते हो तो आपको सरपंच वंशावली प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फॉर्म देते हैं. अब आपको फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी को भर देना है.

कागजात नहीं रहने पर क्या होगा (Bihar Land Survey)

जमीन का दावा करने वाले व्यक्ति के पास जमीन का कागजात नहीं है. ऐसी स्थिति में जमीन के चौहद्दीकार के पास दस्तावेज होगा. सर्वे अधिकारी के द्वारा खोजा जाएगा. अधिकारी दावे का सत्यापन करेंगे. दावा सही है तो खतियान बनेगा. मौखिक बंटवारा मान्य होगा या नहीं. पारिवारिक सहमति से मौखिक बंटवारे को लिखित रूप में मिलने पर पूरी तरह से मान्य होगा. किसी तरह की आपत्ति आने पर सुनवाई कर निष्पादन किया जाएगा.

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सर्वे के दौरान जमीन का कागजात नहीं होने पर (Bihar Land Survey)

सर्वे के दौरान जमीन का कागजात नहीं होने, किसी तरह के गलत कागजात होने आदि प्रकार के मामले की जांच सीओ के माध्यम से होगी. सर्वे अधिकारियों द्वारा सीओ से सत्यापन कराया जाएगा. लोगों को अपने जमीन के लिए स्व-घोषणा के बाद नापी के दौरान दखल- कब्जा बताना है. किसी तरह के गड़बड़ी होने पर 3 बार आपत्ति करने का प्रावधान है.

खतियान क्या है? bihar khatiyan check online

खतियान जमीन से जुड़ा दस्तावेज होता है, जिसके अंदर किसी भी व्यक्ति के नाम पर जो भी जमीन है, उसकी सारी जानकारी होती हैं. जैसे कि जमीन के मालिक का नाम, उसके पिता का नाम, मौजा का नाम, थाना नंबर, अंचल का नाम, जिला का नाम, राज्य का नाम, प्लॉट नंबर, जमीन की चौहद्दी, जमीन का दखल और दखल का स्वरूप, जमाबंदी नंबर आदि जानकारी इस कागजात में दी गई होती है और इसी को खतियान कहा जाता है.

खतियान कैसे बनता है? Bihar khatiyan kaise Dekhe

भू-सम्पत्ति के स्वामी को परिभाषित और प्रमाणित करने के उद्देश्य से खतियान एक बहुत जरूरी दस्तावेज है. खतियान में खाता नंबर, रैयत का नाम और पता, खेसरा नंबर (प्लॉट नंबर), रकबा (एरिया), चौहद्दी, लगान और दखलकार का नाम रहता है. दखलकार का नाम तब होगा जब रैयत का नाम दूसरा होगा.

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