नेता बुरे हैं तो आप उन्हें बार बार वोट क्यों दे रहे हैं, वोटरों की शिकायत पर प्रशांत किशोर ने कही ये बात
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर नेता काम नहीं कर रहे हैं, आपकी खोज खबर नहीं ले रहे हैं, वो इतने बुरे हैं तो आखिर वो बार-बार आपका वोट कैसे पा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि आपकी आंख में पट्टी नहीं लगी है.
मीरपुर, पूर्वी चंपारण. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर नेता काम नहीं कर रहे हैं, आपकी खोज खबर नहीं ले रहे हैं, वो इतने बुरे हैं तो आखिर वो बार-बार आपका वोट कैसे पा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि आपकी आंख में पट्टी नहीं लगी है. आप समझिए कि यहां आपके बच्चे के शरीर पर कपड़े नहीं है, घर में खाने के लिए अनाज है. सुविधा और रोजगार नहीं है. अगर आपको अपने भविष्य की चिंता नहीं है, तो कम से कम अपने बच्चों की परवाह कीजिए, नहीं तो आप जैसी दुर्गति से उन्हें भी पूरा जीवन गुजारना होगा. जन सुराज पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के चिरैया प्रखंड के मीरपुर पंचायत में स्थानीय लोगों से संवाद कर रहे थे.
बिहार के नेता आपको बेवकूफ़ बना रहे हैं
उन्होंने कहा कि अगर बिहार के नेता आपको बेवकूफ़ बना रहे हैं, तो आप भी तो बेवकूफ़ बनने के लिए तैयार बैठे हैं. एक तरफ आप शिकायत करते हैं कि नेता हमारे लिए ना कुछ काम करते हैं, बुरी परिस्थितियों में मिलने तक नहीं आते हैं, दूसरी तरफ चुनाव के वक़्त आप अपना हित ना देख कर जाति, धर्म, पाकिस्तान हिंदुस्तान के नाम पर उन्हें दोबारा जीता देते हैं. प्रशांत किशोर ने पूछा कि अगर कोई सांसद, विधायक काम नहीं कर रहा, तो वो 3 से चार बार कैसे चुनाव जीत रहा है.
तेजस्वी यादव को खुद जानकारी नहीं है
प्रशांत किशोर ने कहा कि अबतक पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग 720 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. इसमें 500 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक डेढ़ 100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. इस दौरान जमीन पर हुए अनुभवों और समस्याओं से अवगत होने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा, कृषि, स्वास्थ जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होनी चाहिए. नौकरी संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को खुद जानकारी नहीं है कि रोज़गार दिए कैसे जाते हैं. बिहार में नई सरकार को बने 4 महीने हो गए. अब तक 10 हजार लोगों को नौकरी मिली है, अगले 8 महीने में 9 लाख 90 हज़ार नौकरियां कहां से देंगे, उसे आप भी देख रहे हैं मैं भी देख रहा हूं.