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सदन तक पहुंचा बक्सर बीज घोटाले का मामला, 24 घंटे के अंदर विभाग ने जिला से मांगी रिपोर्ट

Budget Session in Bihar: किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर वितरण करने की जगह बक्सर के बाजार में बीज बेच देने के मामले की गूंज विधान सभा में सुनायी देगी. स्थानीय विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी द्वारा इससे संबंधित प्रश्न पूछा है. इसके चलते कृषि विभाग सरकार का जवाब तैयार करने में जुटा है. इस मामले में अब तक कब क्या हुआ इसकी विस्तृत रिपोर्ट संबंधित जिला के अधिकारियों से मांगी है.

पटना. किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर वितरण करने की जगह बक्सर के बाजार में बीज बेच देने के मामले की गूंज विधान सभा में सुनायी देगी. स्थानीय विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी द्वारा इससे संबंधित प्रश्न पूछा है. इसके चलते कृषि विभाग सरकार का जवाब तैयार करने में जुटा है. इस मामले में अब तक कब क्या हुआ इसकी विस्तृत रिपोर्ट संबंधित जिला के अधिकारियों से मांगी है.

विधायक द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न में कहा है कि दो साल पहले राज्य सरकार ने बक्सर जिला के किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर 750 क्विंटल ढैंचा घास और 350 प्रति क्विंटल अरहर बीज उपलब्ध कराया था. अरहर का यह बीज किसानों को दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाना था. दोनों बीजों के वितरण में तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी ने खूब अनियमितता बरती. इसकी जांच के लिये बक्सर के तत्कालीन डीडीसी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. यह जांच रिपोर्ट दो साल में भी पूरी नहीं हुई है.

सरकार इस मामले में क्या कर रही है. इसके जवाब के लिये 25 फरवरी को कृषि विभाग के अवर सचिव ने कृषि निदेशक को पत्र लिखा है. उन्होंने विधायक के प्रश्न की उत्तर सामग्री तैयारी कराकर कृषि मंत्री के अनुमोदन के आदेश दिये हैं. इस पर कार्यवाही करते हुए उप निदेशक शष्य ने जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर को 24 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है. कृषि मंत्री को चार मार्च को सदन में इस मामले पर सरकार की ओर से जवाब देना है.

फर्जी किसानों को वितरण दर्शाकर बाजार में बीज बेचने का है मामला

कृषि विभाग ने साल 2018-19 और 2019 -20 में जिला के किसानों के लिए 750 क्विंटल ढैंचा घास का बीज और 350 क्विंटल अरहर का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराने के लिए जिले में भेजा था. बक्सर के जिला कृषि पदाधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने डीलरों की मिलीभगत से किसानों की फर्जी सूची तैयार करायी.

फर्जी किसानों को बीज का वितरण दर्शाकर पूरा बीज बाजारों में बेच दिया गया. मामले की जांच में पटना से टीम बक्सर पहुंची थी. इसके बाद उपविकास आयुक्त अरविंद कुमार को जांच सौंपी गयी थी. जांच पदाधिकारी का तबादला होने के बाद फाइल को दबा दिया गया.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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