बिहार में लिट्टी चोखा ही नहीं ये डिश भी है लल्लनटॉप, आपके मुंह का स्वाद बनाने में नहीं छोड़ेगी कोई कसर
बिहार की पहचान उसकी बोली और खाने से है. जब भी बिहारी खाने की बात होती है तो सबसे पहले नाम लिट्टी चोखा का आता है. हालांकि इसके अलावे भी बिहार कई ऐसे डिश हैं जो आज भी देशी अंदाज में लोगों को परोसे और खाए जाते हैं. हमारा वादा है कि इसे खाने के बाद मुंह से वाह निकलना तय है.
बिहार के खाने की बात हो और लिट्टी चोखा की बात न हो तो हर बात अधूरी है. बिहार का लिट्टी चोखा अब अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुका है. बिहार में ये सबसे ज्यादा खाए जाने वाली डिश है. बैगन और आलू के चोखे के साथ इनकी बात ही कुछ और होती है. बिहार में बाहर से आने वाले पर्यटक एक बार ये डिश जरूर ट्राई करते हैं.
खाजाखाजा नाम से ही पता चलता है कि खाने के लिए इसे बनाया गया है. खाजा एक ऐसी बिहारी मिठाई है जिसके देशीपन कभी नहीं बदला है. शादी व्याह के मौके पर इसे शुभ के प्रतिक के रूप में दिया और लिया जाता है. इसे आटा, चीनी और मावा से बनाया जाता है. इसके बाद तेल में डिप फ्राई किया जाया है. इसका एक अन्य प्रकार बेलग्रामी है. ये खोये से बनाया जाता है.
पटना के कुछ पूराने होटलों में महंगू का भी नाम आता है. ये होटल नॉन वेज खाने के लिए फेमस है. महंगू में फिस के साथ मटन कबाब भी ट्राई करें. बताया जाता है कि दुकान के मालिक ब्रिटिश कोर्ट में शेफ हुआ करते थे. महंगू का मटन कबाब मुंह का स्वाद बदलने के लिए सबसे परफेक्ट डिश है.
दाल पीठादाल पीठा को बिहारी पकौड़ा या मोमोज कह सकते हैं. बिहार का यह सबसे बेहतरीन खाना है जो चावल के आंटे से बनाया जाता है. चावल के आंटे के अंदर मसालेदार दाल को भरा जाता है. फिर इसे पानी में ब्लायल करके पकाया जाता है. फिर आखिर में इसे तेल में फ्राइ करेक गरमा गर्म धनिया की चटनी के साथ परोसा जाता है.
रसियारसिया एक विशेष प्रकार का खीर है जो छठ पूजा में भगवान को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. इसे आमदिनों में भी लोग अपने घर में बनाकर खाते हैं. इसमें मखाने के साथ ड्राई फ्रूट्स डाले जाते हैं.
बिहारी बालूशाहीबालूशाही की खासियत है कि मुंह में डालते पिघल जाता है. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर का बालुशाही बहुत प्रसिद्ध है. मिठाई खाने के शौकिन हैं तो इसे एक बार ट्राई जरूर करें.