पढ़ाई छोड़ देने वाली ज्योति का शिक्षा विभाग ने 9वीं कक्षा में कराया नामांकन
गुरुग्राम से बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर सिंहवाड़ा प्रखंड के अपने गांव तक लाने वाली 13 साल की किशोरी ज्योति का नामांकन नौवीं कक्षा में शिक्षा विभाग ने करा दिया है. उसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी.अब दो साल बाद ज्योति फिर से स्कूल जाएगी. ज्योति का नामांकन प्लस टू उच्च विद्यालय पिंडारुछ में कराया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से डीपीओ डॉ महेश प्रसाद सिंह व डीपीओ संजय कुमार देव कन्हैया ने उसे शनिवार को साइकिल, पोशाक, पुस्तक, कलम, कागज, जूता एवं मौजा उपलब्ध कराया.सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी आज उसे सुविधा उपलब्ध कराने पहुंचे थे.
गुरुग्राम से बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर सिंहवाड़ा प्रखंड के अपने गांव तक लाने वाली 13 साल की किशोरी ज्योति का नामांकन नौवीं कक्षा में शिक्षा विभाग ने करा दिया है. उसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. अब दो साल बाद ज्योति फिर से स्कूल जाएगी. ज्योति का नामांकन प्लस टू उच्च विद्यालय पिंडारुछ में कराया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से डीपीओ डॉ महेश प्रसाद सिंह व डीपीओ संजय कुमार देव कन्हैया ने उसे शनिवार को साइकिल, पोशाक, पुस्तक, कलम, कागज, जूता एवं मौजा उपलब्ध कराया.सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी आज उसे सुविधा उपलब्ध कराने पहुंचे थे.
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2017 में आर्थिक तंगी के कारण छूट गई थी पढ़ाई :
इस दौरान डीइओ डॉ सिंह ने कहा कि ज्योति को कक्षा अनुरुप दक्षता दिलाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर विशेष कक्षा का संचालन किया जाएगा. डीपीओ श्री कन्हैया ने कहा कि पढ़ाई के लिए हर संभव मदद किया जाएगा. इस अवसर डीपीओ डॉ सुनील कुमार, विजय चंद्र भगत, बीइओ आदि मौजूद थे. बता दें कि ज्योति की पढ़ाई वर्ष 2017 में आर्थिक तंगी के कारण छूट गई थी. उस समय वह मध्य विद्यालय सिरहुल्ली में आठवीं कक्षा में पढ़ती थी.
खोली को खाली करने का बन रहा था दबाव :
ज्योति के पिता दिल्ली में टेंपो चलाते थे, जहां उनका एक्सीडेंट हो गया. पिता की सेवा के लिए ज्योति दिल्ली गयी थी. इस बीच लॉक डाउन हो गया. परिवार को खाने के लाले पड़ गए. किराया नहीं दे पाने के कारण उन्हें खोली को खाली करने का दबाव दिया जा रहा था.परेशानी को बढ़ता देख ज्योति पिता को साइकिल पर बिठा कर घर पहुंच गयी.इस दौरान उन्हे कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ी.