बिहार: पारा बढ़ते ही गहराने लगी लो वोल्टेज की समस्या, स्टेबलाइजर होने के बावजूद नहीं चल पा रहे बिजली उपकरण

देर रात तक वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. सही से वोल्टेज नहीं मिलने के कारण अब लोगों के बिजली उपकरण भी खराब होने लगे हैं. शाम के समय पंखा में स्पीड नहीं रहती लेकिन रात के एक डेढ़ बजे के बाद उसी पंखा की स्पीड बढ़ जाती है. मानक के अनुसार वोल्टेज नहीं मिलने से इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2023 2:50 AM
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मुजफ्फरपुर: एक तो गर्मी का पारा दो सप्ताह से चढ़ता जा रहा है, इधर दूसरी ओर बिजली के पावर कट के साथ लो वोल्टेज की समस्या भी लोगों को परेशान कर रही है. यह स्थिति पिछले तीन चार दिनों से बनी हुई है. सुबह 9 बजे से लेकर देर रात तक वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. सही से वोल्टेज नहीं मिलने के कारण अब लोगों के बिजली उपकरण भी खराब होने लगे हैं. उपभोक्ताओं की माने तो शाम के समय पंखा में स्पीड नहीं रहती लेकिन रात के एक डेढ़ बजे के बाद उसी पंखा की स्पीड बढ़ जाती है. मानक के अनुसार वोल्टेज नहीं मिलने से इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में लोग रतजगा कर रहे हैं. बालूघाट के उपभोक्ता वैभव, सिकंदरपुर के संजय ने बताया कि गर्मी में लो वोल्टेज और पावर कट की समस्या कोई नयी बात नहीं है. हर साल की तरह इस साल भी यही स्थिति है.

गर्मी बढ़ने के साथ ही होने लगती है बिजली कटौती

गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली कटौती भी खूब होती है. खासकर के शाम के 6 बजे से देर रात तक यह समस्या बनी रहती है. यह समस्या किसी एक इलाके की नहीं बल्कि चारों ओर की है. एक 100 से 200 केवीए के ट्रांसफॉर्मर पर 15 से 20 एसी तक लोड रहता है. लोगों का घर एक से दो, दो से तीन मंजिल हो गया, बिजली के उपकरण बढ़ गये, लेकिन ट्रांसफॉर्मर वहीं लगा है जो पहले से है. शाम के समय तो कई बार वोल्टेज 220 क्या 200 से घटकर 180 किलोवाट तक आ जाता है. 220 से कम वोल्टेज होने पर मोटर, फ्रिज, कूलर, एसी, स्टैंड फैन आदि उपकरण को चलने में परेशानी होती है. इसके जलने का खतरा रहता है. सिकंदरपुर, एमआइटी, चंदवारा, मिस्कॉट, नयाटोला, माड़ीपुर, भगवानपुर, खबड़ा, मेडिकल सभी पावर सब स्टेशन से जुड़े इलाकों में यह स्थिति है.

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पानी का लेयर चला गया नीचे, काम नहीं करता मोटर

सुबह में कभी कभी तो स्थिति यह रहती है एक्सट्रा स्टेबलाइजर लगाने के बाद भी मोटर चलाने में परेशानी होती है. एक तो पहले ही पानी का लेयर नीचे चले जाने के कारण मोटर से पानी चढ़ाने में परेशानी होती है ऊपर से लो-वोल्टेज के कारण परेशानी और बढ़ जाती है. ग्रामीण इलाकों में भी किसान परेशान हैं, क्योंकि बारिश हो नहीं रही है. किसानों का खेत अब धान के बिचरा के लिए तैयार हो रहा है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान खुद के पंपिंग सेट से पानी पटाने की सोच रहे है. लेकिन जल स्तर नीचे चले जाने के कारण जितना पानी उनको खेत के लिए चाहिए वह भी नहीं निकल सकता है. बिजली जानकारों की माने तो अभी सिस्टम वोल्टेज ही डाउन है. ग्रिड को और ग्रिड से पावर सबस्टेशन को कम वोल्टेज में बिजली आपूर्ति हो पा रही है.

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